एडीएम जिला कांगड़ा हरीश गज्जू ने विश्व कुष्ठ दिवस के उपलक्ष्य में स्कूल छात्रों की जागरूकता रैली को झंडी दिखाकर किया रवाना*
एडीएम जिला कांगड़ा हरीश गज्जू ने विश्व कुष्ठ दिवस के उपलक्ष्य में स्कूल छात्रों की जागरूकता रैली को झंडी दिखाकर किया रवाना*
धर्मशाला में दिनांक 30/1/2025 को स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण विभाग द्वारा विश्व कुष्ठ दिवस पर जागरूकता गतिविधी का आयोजन राजकी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल धर्मशाला (बॉयज) में किया गया । जिसकी अध्यक्षता एडीएम जिला कांगड़ा हरीश गज्जू द्वारा की गई । इस दौरान जिला स्वास्थ्य अधिकारी कांगड़ा डॉ राजेश सूद तथा स्वास्थ्य विभाग स्टाफ भी उपस्थित रहा ।
इस अवसर पर एडीएम जिला कांगड़ा डॉ हरीश गज्जू द्वारा विश्व कुष्ठ दिवस के उपलक्ष्य में स्कूल छात्रों की जागरूकता रैली को हरि झंडी दिखाकर रवाना किया । इस दौरान रैली में छात्रों द्वारा “हिमाचल ने यह ठाना है , कुष्ठ रोग मिटाना है” , “जनजन की यही आवाज , कुष्ठ मुक्त रहे समाज ” , ” एमडीटी खाओ, कुष्ठ रोग भगाओ” स्लोगनों व नारों के साथ जागरूकता का सन्देश दिया । इस अवसर पर एडीएम हरीश गज्जू ने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आमजनमानस में इस रोग से जुड़ी जानकारी व जागरूकता को बढ़ाना है ।
एडीएम हरीश गज्जू
ने बताया कि विश्व कुष्ठ दिवस हर साल जनवरी के आखिरी रविवार को मनाया जाता है। जबकि भारत में यह हमेशा 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन मनाया जाता है।
डॉ सूद ने जानकारी देते हुए बताया कि कुष्ठ रोग, जिसे लेप्रोसी भी कहा जाता है, एक प्राचीन बीमारी है जो आज भी समाज में कलंक और भेदभाव का कारण बनी हुई है। डॉ सूद ने बताया कि लोगों में यह गलत धारणा है कि यह बीमारी पूर्वजन्म के पापों का परिणाम है या यह छूने से फैलती है। लेकिन यह सच नहीं है। कुष्ठ रोग एक बैक्टीरिया के कारण होता है और इसका पूर्ण इलाज संभव है। अगर समय पर इलाज मिल जाए, तो इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। डॉ सूद ने विश्व कुष्ठ दिवस के थींम ” कलंक को समाप्त करना , गरिमा को अपनाना ” के बारे विस्तार से बताया तथा शपथ दिलाई । डॉ सूद ने जानकारी देते हुए बताया कि कुष्ठ रोग को हेन्संस रोग के बारे में भी जाना जाता है। यह बीमारी मायकोबैक्टीरियम लैप्री नामक बैक्टीरिया के कारण होता है । इस बीमारी के होने के चलते स्किन, श्वसन तंत्र, आंखें और तंत्रिकाएं बहुत ज्यादा प्रभावित होती है। इसके साथ ही इस बीमारी के होने पर दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बाहर की नसों को प्रभावित होती है। डॉ सूद ने कहा कि कुष्ठ रोग अनुवांशिक एवं छुआछूत रोग नहीं है। इसका मतलब अगर किसी को ये बीमारी है तो उसके साथ खाना खाने, उठने-बैठने से नहीं फैलता है।