मुख्यमंत्री सुक्खू को सराहा सूर्यवंशी ने

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कलम के सिपाही अगर सो जाएं तो वतन के कथित मसीहा वतन बेच देंगे…वतन बेच देंगे। “

Sumit Nanda
Press Correspondent
CHIEF MINISTER RELIEF FUND.. FULL PAGE ADVT. R.O. No. 1220/2022-2023 (Display)

Dr S K Sharma
Dr. S.K. SHARMA, DIRECTOR
Dr S K Sharma
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मुख्यमंत्री सुक्खू के ऐतिहासिक फैसले की सूर्यवंशी ने की सराहना

सुक्खू सरकार का दूरदर्शी निर्णय—भांग की खेती से आत्मनिर्भर हिमाचल

Sukhu sarkar

हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को कानूनी मंजूरी देने का निर्णय किसी भी दृष्टिकोण से एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम कहा जाएगा।

वर्षों से यह मुद्दा लंबित पड़ा था, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए इस पर ठोस निर्णय लिया है। यह निर्णय न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा।

Sukhu Govt

भांग की खेती का औद्योगिक और औषधीय उपयोग विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। यह एक ऐसी फसल है जिसका उपयोग कपड़ा उद्योग, दवा निर्माण, कॉस्मेटिक्स, जैविक ईंधन और निर्माण सामग्री में किया जाता है। अनेक देशों में इसे वैध कर दिया गया है, जिससे वहां की अर्थव्यवस्था को भारी लाभ हुआ है। हिमाचल प्रदेश भी अब इसी राह पर चलते हुए अपने खजाने की आय में अप्रत्याशित वृद्धि देख सकता है।

Two Years of Sukhu Govt

आर्थिक समृद्धि और रोजगार की नई संभावनाएं


हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला राज्य है, जहां परंपरागत फसलों की पैदावार सीमित है। लेकिन भांग की खेती के वैधीकरण से किसानों को एक नई आर्थिक दिशा मिलेगी। इसका सीधा लाभ प्रदेश के युवाओं को भी मिलेगा, क्योंकि इस उद्योग से स्टार्टअप, स्वरोजगार और विभिन्न सहायक उद्योगों का विकास होगा।

इसके अतिरिक्त, भांग आधारित औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से हिमाचल प्रदेश में नए निवेशकों को आकर्षित करने का मौका मिलेगा। जब राज्य में बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन शुरू होगा, तो हिमाचल आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ेगा।

पर्यावरण हितैषी और सतत विकास का मार्ग
भांग की खेती पर्यावरण के लिए भी लाभकारी मानी जाती है। यह फसल कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है और इसका उपयोग जैविक उत्पादों के निर्माण में किया जा सकता है। यह रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बिना भी पनपती है, जिससे जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, भांग कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करने में भी सक्षम होती है, जिससे यह पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मददगार साबित होगी।

सुक्खू सरकार का साहसिक और दूरदर्शी दृष्टिकोण
इस निर्णय से स्पष्ट है कि सुक्खू सरकार सिर्फ परंपरागत राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि वह प्रदेश के आर्थिक भविष्य को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है। यह निर्णय उस हिमाचल की नींव रखता है जो आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त होगा।

बिना किसी संदेह के, भांग की खेती का वैधीकरण हिमाचल प्रदेश को आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक रूप से एक नए युग में प्रवेश दिलाने वाला साबित होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का यह फैसला न केवल राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी करेगा बल्कि हिमाचल प्रदेश को एक नए आर्थिक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करेगा। इस निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए और इसके सकारात्मक प्रभावों को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।

सूर्यवंशी ने सराहे सुक्खू के प्रयास

Rajesh Suryavanshi, Editor-in-Chief, HR MEDIA GROUP, CHAIRMAN : Mission Again st CURRUPTION, H.P., Mob : 9418130904, 898853960)

हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को कानूनी मान्यता देने के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के ऐतिहासिक फैसले की सोसाइटी फॉर ह्यूमन वेलफेयर एंड मिशन अगेंस्ट करप्शन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की है। उन्होंने इस निर्णय को राज्य की अर्थव्यवस्था, रोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए मील का पत्थर बताया।

राजेश सूर्यवंशी ने कहा कि भांग की खेती का औद्योगिक और औषधीय क्षेत्र में अपार उपयोग है, और इसे वैध करने से हिमाचल प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी। यह न केवल किसानों के लिए नए आय के साधन खोलेगा, बल्कि युवाओं के लिए नौकरी और स्टार्टअप के नए अवसर भी प्रदान करेगा। इसके अलावा, भांग आधारित उद्योगों की स्थापना से राज्य के खजाने में भी अप्रत्याशित वृद्धि होगी।

सूर्यवंशी ने मुख्यमंत्री सुक्खू की दूरदर्शी नीति और दृढ़ इच्छाशक्ति की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय हिमाचल प्रदेश को विकास और आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए राज्य में तेजी से विकास और समृद्धि की प्रार्थना की।

आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
विशेषज्ञों का मानना है कि भांग की खेती से कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। यह फसल कम पानी में भी उगती है और जैविक खेती को बढ़ावा देती है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण संतुलन भी मजबूत होगा।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस फैसले से हिमाचल प्रदेश आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक रूप से एक नए युग में प्रवेश करेगा। इस दूरदर्शी निर्णय के लिए सुक्खू सरकार की जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है।

Amarprem
Prem, KING OF FLEX PRINTING AWARD WINNER in H.P.
Amarprem

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