उपहार : कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कर्मचारी राजीव शर्मा वह सुरक्षा अधिकारी डॉ प्रमोद वर्मा और उनकी टीम ने पेश की ईमानदारी की अनूठी मिसाल
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श्री राजीव शर्मा, जो स्टेट सेल में कार्यरत हैं, ने अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
उन्होंने गेट नंबर 1 के एटीएम पर एक पर्स पाया, जिसे तुरंत ही उन्होंने वहां तैनात सिक्योरिटी सुपरवाइजर को सौंप दिया।
जब पर्स की जांच की गई, तो उसमें ₹60,000 की नगद राशि पाई गई। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना थी, जिसके बारे में सुरक्षा सुपरवाइजर ने तुरंत विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी, डॉ. प्रमोद वर्मा, को सूचित किया।
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए, डॉ. प्रमोद वर्मा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक सुरक्षा कर्मी को एटीएम के पास तैनात कर दिया, ताकि यदि कोई व्यक्ति अपने गुम हुए पैसे की खोज में वहां आए, तो उसे सही जानकारी दी जा सके।
साथ ही, उन्होंने सूझबूझ से निर्णय लिया कि बैंक की शाखा में जाकर एटीएम के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए, जिससे यह पता लगाया जा सके कि यह धनराशि किस व्यक्ति की थी। उनकी तत्परता और नेतृत्व ने पूरे घटनाक्रम को सुचारू रूप से संभाला।
इसी दौरान, लगभग दोपहर 2:00 बजे, एक युवती अपने रिश्तेदार के साथ एटीएम के पास पहुंची और अपने खोए हुए पैसों के बारे में पूछताछ की।
पूरी बातचीत और जांच के बाद, सुरक्षा अधिकारी डॉ. प्रमोद वर्मा और उनकी टीम ने सभी आवश्यक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी की।
वेरिफिकेशन के तहत, युवती से उसका आधार कार्ड की प्रति ली गई तथा उसके हाथों द्वारा लिखा गया एक पत्र लिया गया, जिसमें उसने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि उसे उसके पैसे सुरक्षित रूप से वापस मिल गए हैं।
युवती और उसके परिजनों ने राजीव शर्मा , विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी डॉ. प्रमोद वर्मा, सुरक्षा सुपरवाइजर रणवीर राणा जी और अन्य सुरक्षा कर्मियों का तहे दिल से धन्यवाद किया।
यह घटना और भी अधिक महत्वपूर्ण इस कारण बन गई, क्योंकि जिस युवती के पैसे गुम हुए थे, उसका अगले दिन विवाह था। वह विवाह से संबंधित आवश्यक कार्यों के लिए एटीएम से पैसे निकालने आई थी, लेकिन व्यस्तता के कारण वह पैसे वहां भूल गई थी।
राजीव शर्मा जी की ईमानदारी और उनके मानवीय दृष्टिकोण ने यह सुनिश्चित किया कि धनराशि सही व्यक्ति तक पहुंचे। उनकी इस निष्ठा और कर्तव्यपरायणता की जितनी सराहना की जाए, कम होगी। दूसरी ओर, डॉ. प्रमोद वर्मा ने अपने नेतृत्व और कुशल प्रबंधन का परिचय देते हुए यह सिद्ध किया कि सुरक्षा विभाग न केवल व्यवस्था बनाए रखने में दक्ष है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी सर्वोपरि रखता है।
उनकी त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से यह सुनिश्चित हुआ कि न केवल पैसों का सही हाथों में लौटना संभव हो सका, बल्कि एक परिवार को विवाह के महत्वपूर्ण अवसर पर बड़ी राहत भी मिली।
यह घटना समाज में ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल के रूप में सदैव याद रखी जाएगी।
राजीव शर्मा जी और डॉ. प्रमोद वर्मा के प्रयासों ने यह प्रमाणित किया कि नैतिक मूल्यों की सजीवता आज भी बनी हुई है, और ऐसे लोग हमारे समाज को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाते हैं।
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