पालमपुर के राज्य स्तरीय होली महोत्सव में इस तरह का कांग्रेसी करण अच्छी परम्परा नहीं :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक ….
पालमपुर के राज्य स्तरीय होली महोत्सव में इस तरह का कांग्रेसीकरण अच्छी परम्परा नहीं :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक ….

वैसे तो कायदे के अनुसार किसी भी राज्य स्तरीय समारोह का शुभारंभ एवं समापन माननीय मुख्यमंत्री व महामहिम राज्यपाल महोदय की गरिमामयी उपस्थिति में ही होना चाहिए । इससे समारोह को चार चांद लगते हैं। इस परम्परा को प्रो प्रेम कुमार धूमल जी के शासन काल में बतौर विधायक हमने बखूबी निभाया है। यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा होली कमेटी को इससे भी चार कदम ओर आगे बढ़कर उस अतीत को भी याद रखना चाहिए जव इसी होली महोत्सव को जो हारमोनियम , ढोलकी व चिमटे की ताल एवं सुर पर दर्शकों का समा बांधते थे ओर श्रोताओं को नाचने पर मजबूर कर देते थे। ऐसे आयोजकों व कलाकारों को भी समापन समारोह के मुख्य अतिथि के कर कमलों से सम्मानीत करवाया जाता । इस परम्परा को भी हमने तत्कालीन महामहिम राज्यपाल जी के कर कमलों से बखूबी निभाने का प्रयास किया । पूर्व विधायक ने रहस्योद्घाटन करते हुए कहा आज बॉलीवुड व बाहरी प्रदेशों के कलाकारों से संगीत को तराजू से तोला जा रहा है। जबकि हिमाचल प्रदेश के ही एक से बढ़कर एक कलाकार जिन्होंने संगीत की दुनियां में तहलका मचा करके रख दिया है। इस मंच से ये होनहार वंचित क्यों ? पूर्व विधायक ने कहा इससे पूर्व भारत के एक सुप्रसिद्ध समाचार समूह व नामी ग्रामी कम्पनी द्वारा प्रायोजित कलाकारों की एक नाइट होती थी । पूर्व विधायक ने कांग्रेस के मित्रों को स्मरण करवाया कि यह वही होली कला मंच है जहाँ इससे पूर्व जव कलाकार थरकते व नाचते थे तो इस जर्जर मंच से पता नहीं कव कोई ईंट ,पत्थर किसी कलाकार के ऊपर पड़ जाए भय सताता था । पूर्व विधायक ने कहा इस होली कला मंच के फेज एक का निर्धारित समय के भीतर निर्माण करवाया । जबकि फेज टू का निर्माण कार्य आज दिन तक शुरु नहीं हुआ । पूर्व विधायक ने कहा यह सर्वविदित ही कि वर्तमान सरकार की माली हालत बेहद खस्ता है। ऐसे में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर होली कमेटी को दोनों सांसदों डाक्टर राजीव भारद्वाज व इन्दु गोस्वामी जी को भी किसी एक सांस्कृतिक संध्या में होली समारोह का मुख्य अतिथि बुलाकर होली कला मंच के प्रस्तावित फेज टू को सिरे चढाया जाता । इसी के साथ पूर्व विधायक ने होली कमेटी का ध्यान इस ओर भी आकर्षित करते हुए कहा कि पालमपुर की होली का इतिहास काली बाडी मन्दिर धुघर से जुड़ा है ऐसे में शोभा यात्रा का आगाज़ मन्दिर में माथा टेककर पूजा अर्चना के साथ करना चाहिए न कि कुश्ती के अखाड़े में जाकर पूजा अर्चना करनी चाहिए ।