हिलोरें ले रहा हो मन, समझ लेना कि होली है

 खड़े देहरी पे हों साजन, समझ लेना कि होली है 

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होली की हार्दिक शुभकामनाएं

INDIA REPORTER TODAY
SUMIT NANDA

करें जब पाँव खुद नर्तन, समझ लेना कि होली है
 हिलोरें ले रहा हो मन, समझ लेना कि होली है
 किसी को याद करते ही अगर बजते सुनाई दें
 कहीं घुँघरू कहीं कंगन, समझ लेना कि होली है
 कभी खोलो अचानक , आप अपने घर का दरवाजा
 खड़े देहरी पे हों साजन, समझ लेना कि होली है
 तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आंखें
 उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना कि होली है
 हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल
 अगर लगने लगे मधुबन, समझ लेना कि होली है
 बुलाये जब तुझे वो गीत गा कर ताल पर ढफ की
 जिसे माना कि नंद नंदन, समझ लेना कि होली है
 अगर महसूस हो तुमको, कभी जब सांस लो अपनी
 हवाओं में घुला चन्दन, समझ लेना कि होली है
*होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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