निजी स्कूलों द्वारा वसूली जा रही ट्यूशन फ़ीस पर शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान

ज़ोरदार शब्दों में ट्यूशन फ़ीस के अलावा अन्य चार्जीज़ लेने की निन्दा

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निजी स्कूलों द्वारा वसूली जा रही ट्यूशन फ़ीस पर शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान

INDIA REPORTER NEWS

KULLU : KOUNDAL

हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री श्री गोबिन्द सिंह ठाकुर ने निजी स्कूलों के प्रति कड़ा रवैया अपनाते हुए ज़ोरदार शब्दों में ट्यूशन फ़ीस के अलावा अन्य चार्जीज़ लेने की निन्दा की है। उन्होंने कहा कि मेरा सभी निजी स्कूलों से निवेदन है और मैं अपील करता हूं कि कोरोना अपने साथ अनेक प्रकार की समस्याएं लेकर आया है और इससे हर वर्ग का नुकसान भी हुआ है। ऐसी स्थिति में कुछ निजी स्कूलों ने बहुत बढ़िया काम किया है।

कई स्कूलों ने बच्चों की फ़ीसें माफ़ भी की है। जिन्हें फ़ीस देने में दिक्कत है ऐसे बच्चों की और अभिभावकों की स्कूल मदद भी कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने दुःख जताते हुए कहा कि कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जो ऐसे कठिन काल में किसी प्रकार की सहानुभूति नहीं रख रहे हैं जोकि शर्मिन्दगी की बात है, उन्हें बड़े धैर्य और संयम से चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह जो बच्चे हैं, जो आपके स्कूल में पढ़ रहे हैं उनके साथ सहानुभूति रखें क्योंकि जब कोरोना नहीं था तब उन्होंने आपको पूरी फ़ीस दी, कोई शिकायत कभी नहीं की।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये स्कूल ट्यूशन फ़ीस तो ले सकते हैं लेकिन अन्य चार्जीज़ उन्हें नहीं लेने चाहिएं। अन्य कोई फ़ीस या बिल्डिंग फ़ंड आदि उन्हें नहीं वसूलने चाहिएं। एंटी कोरोना वैक्सीन आने वाली है थोड़ा संयम रखें। उन्होंने कहा कि विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि निजी स्कूलों से बातचीत करें और इस दिषा में पहले भी मीटिंग की जा चुकी हैै।

ठाकुर ने कहा कि पहले कभी ऐसी समस्या नहीं आई थी इसलिए सरकार के पास ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि वह स्कूलों पर अधिक नियंत्रण कर सके। लेकिन जो हमने स्थिति देखी है उसके अनुसार आगे हम एक्ट में ही संशोधन करेंगे और निश्चित रूप से निजी स्कूलों पर कहीं न कहीं ऐसा नियंत्रण रहेगा ताकि ये फ़ीस आदि जो ज़बरदस्ती मांगते हैं इस समस्या का सरकार समाधान कर सके।

फ़िलहाल तो स्कूल ट्यूशन फ़ीस ही लें तो उनके लिए अच्छा है। शिमला के कुछ स्कूलों से डायरैक्टर हायर एजुकेशन मिले हैं तथा बातचीत की है। उन्होंने कहा कि कुछ अभिभावक मुझसे मिले हैं तथा उन्होंने बिल्कुल सही कहा है, उनकी समस्या सही है। स्कूल ट्यूशन फ़ीस तक ही सीमित रहें तो अच्छा है। उन्होंने कहा कि मेरा तो यही मानना है कि कोरोनाकाल में सभी स्कूलों को बच्चों व अभिभावकों के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए और ट्यूशन फ़ीस ही लेनी चाहिए। अगर कोई स्कूल अन्य चार्जीज़ के लिए गलत मैनिपुलेट करता है और लिखित रूप से कोई शिकायत आती है तो वह निश्चित रूप से कड़ी कार्यवाही करेंगे।

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