ब्लैक फंगस रोग महामारी घोषित,

रोग को लेकर एडवाइजरी जारी

0

ब्लैक फंगस रोग महामारी घोषित,

रोग को लेकर एडवाइजरी जारी

    • Mahesh Gautam
    District bureau chief

INDIA REPORTER TODAY

ब्लैक फंगस रोग को राज्य में महामारी घोषित किया गया है तथा इस संबन्ध में जिला ऊना में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह जानकारी देते हुए आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना डॉ रमन कुमार शर्मा ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई है जिसके तहत इसे म्यूक्रोमाइकोसिस नाम दिया गया है। अधिनियम के तहत प्रत्येक सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थान को ऐसे लक्ष्णों वाले मरीजों की जानकारी तुरन्त जिला के सीएमओ को देना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति, संस्थान व संगठन बिना अनुमति के इसके प्रबन्धन के लिए सामग्री बारे सूचना नहीं फैला सकता। बिना अनुमति के किसी भी व्यक्ति, संस्थान व संगठन को प्रिंट या इलैक्ट्राॅनिक या अन्य किसी प्रकार के मीडिया माध्यम को इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। उन्होंने बताया कि इन आदेशों की अवहेलना बारे सीएमओ की अध्यक्षता में बनी समिति रिव्यू करेगी तथा दोषी पाए जाने पर सम्बन्धित व्यक्ति, संस्थान व संगठन को सीएमओ नोटिस जारी कर सकता है। नोटिस के सम्बन्ध में निर्धारित समय में संबन्धित पुनः विचार करने के लिए आवेदन कर सकता है और निर्धारित समयावधि के भीतर आवेदन प्राप्त न होने पर नियमानुसार कार्यवाही करके सजा भी हो सकती है।
डाॅ. रमन ने बताया कि राज्य में ब्लैक फंगस ने दस्तक दे दी है, लेकिन जिला ऊना में अभी तक ब्लैक फंगस के संक्रमण का कोई भी मामला ध्यान में नहीं आया है। इसके बावजूद हमें अभी से इस सम्बन्ध में सचेत रहना बहुत आवश्यक है।
ब्लैक फंगस किसे हो सकता है
सीएमओ ने बताया कि मधुमेह से पीड़ित, कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट, अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ, कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीज, जिन्हें स्टेरॉयड दवाईयाँ दी गई हैं, वेंटीलेटर अथवा आई .सी .यू में हैं, को ब्लैक फंगस हो सकता है और ज्यादा प्रभावित कर सकता है।
क्या हैं ब्लैक फंगस के लक्षण
ब्लैक फंगस से संक्रमित व्यक्ति को शुरुआत में नाक बन्द होना, नाक से खून आना, जुखाम, बुखार, छाती में दर्द, चेहरे पर सूजन, मुंह के ऊपरी हिस्से या नाक व तालु के उपरी भाग पर कालापन, दांत दर्द, दांतों का ढीला होना, जबड़े का जुड़ना, आँखों में दर्द, साइनसाइटिस, गाल की हड्डी पर दर्द होना जैसे लक्षण आते हैं। संक्रमण फैलने पर आँखों, फेफड़ों और अंदरूनी अंगों पर प्रभाव पड़ता है तथा मरीज बेहोश होने लगता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
बचाव व सावधानियां
डाॅ. रमन ने बताया कि ऐसे मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। मधुमेह से पीड़ितांे का शूगर के स्तर को नियंत्रित रखना जरूरी है। कोई भी व्यक्ति चिकित्सक की सलाह के बिना स्टेरॉयड दवाईयाँ न ले तथा मास्क का नियमित इस्तेमाल करें। अपनी साफ-सफाई बनाए रखें और नाक व गले की सफाई का विशेष ध्यान रखें, खाने में जिंक, मल्टीविटामिन तथा प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाए। उन्होंने बताया कि चिकित्सा अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि आॅक्सीजन पाइप का विशेष ध्यान रखें तथा डिस्टिल्ड वाटर का प्रयोग करें।
डाॅ. रमन ने बताया कि शुरुआत में ही इसका इलाज होने पर मरीज पूरी तरह ठीक हो जाता है और अगर ब्लैक फंगस का संक्रमण दिमाग तक पहुंचता है तब मरीज की जान को खतरा हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ब्लैक फंगस के लक्षण दिखें तो तुरन्त चिकित्सक से संपर्क करें और चिकित्सक की सलाह के बिना स्टेरॉयड दवाईयाँ बिलकुल न इस्तेमाल करें।

Leave A Reply

Your email address will not be published.