डेढ़ साल बाद केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बहाल

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नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज बड़ा फैसला लिया गया। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत पर लगी रोक हटा दी गई है। कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस पर कैबिनेट कमिटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर (CCEA) ने मुहर लगा दी है। हालांकि इसका औपचारिक एलान होना बाकी है।

जनवरी 2020 में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए चार फीसदी बढ़ा था। इसके बाद दूसरी छमाही (जून 2020) में इसमें तीन फीसदी का इजाफा हुआ। जनवरी 2021 में यह चार फीसदी और बढ़ा था। इस तरह डीए 17 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी होने से कर्मचारियों को लाभ होगा। हालांकि सरकार ने पिछले साल जनवरी से ही इसमें रोक लगाई हुई थी। अब डेढ़ साल बाद तीनों किस्तों पर लगी रोक हटा दी गई है।

कोरोना महामारी के कारण सरकार ने डीए फ्रीज कर रखा था। इसके साथ ही पूर्व कर्मचारियों के डीआर की किस्तों का भुगतान भी नहीं हुआ था। वित्त मंत्रालय ने जून 2021 तक 50 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि पर रोक लगाने पर सहमति व्यक्त की थी।

मालूम हो कि महंगाई भत्ता वेतन का एक हिस्सा है। यह कर्मचारी के मूल वेतन का एक निश्चित फीसदी होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान करती है। इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता है। रिटायर कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलता है।

महंगाई भत्ते यानी डीए की गणना के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।

 

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