मसीही गांवों में आयुष्मान कार्ड कैंप का अभाव प्रशासनिक भेदभाव : लॉरेंस चौधरी, आरिफ चौहान

12 सदस्यीय CNF इकाई का गठन

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मसीही गांवों में आयुष्मान कार्ड कैंप का अभाव प्रशासनिक भेदभाव : लॉरेंस चौधरी, आरिफ चौहान

12 सदस्यीय CNF इकाई का गठन

GURDASPUR

ROHIT GUPTA,  EDITOR

विधानसभा क्षेत्र गुरदासपुर के सिधवा जमीती गांव में मसीही भाईचारे की बैठक क्रिश्चियन नेशनल फ्रंट की अध्यक्षता में जिला अध्यक्ष अशोक मसीह भट्टी की अगुवाई में हुई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष लॉरेंस चौधरी ने भाग लिया। बैठक शुरू होने से पहले प्रार्थना की गई।बैठक में युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ मसीह चौहान, राजन मसीह जिला उपाध्यक्ष, सैमुअल शाहपुर युवा उपाध्यक्ष पंजाब, विक्की गादरिया जिला युवा अध्यक्ष आदि ने जिले के ईसाई समुदाय को आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक समस्याओं से अवगत कराया।दिल्ली में केंद्र की भाजपा सरकार के तहत दिल्ली विकास प्राधिकरण(डीडीए) द्वारा कैथोलिक चर्च के विध्वंस की ईसाई समुदाय द्वारा कड़ी निंदा की गई थी।

 

इस कदम के खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी चर्च को ध्वस्त करने के लिए भाजपा के साथ समझौते को दर्शाती है। बैठक को संबोधित करते हुए लॉरेंस चौधरी और आरिफ चौहान ने कहा कि आजादी के 74 साल बाद भी समुदाय रोटी, कपड़ा, मकान और कब्रिस्तान की अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहा है।पंजाब में कोई गांव, कस्बा या शहर नहीं है जहां समुदाय इन जरूरतों के लिए लड़ या संघर्ष नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने जिला प्रशासन को गांव गांव कैंप लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाने का निर्देश दिया है लेकिन दुख की बात है कि डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर द्वारा सिधवा जमीती गांव में 200 गरीब ईसाई घरों के लिए अभी तक कोई शिविर नहीं लगाया गया है और जिले के बाकी गांवों में ईसाई समुदाय का भी यही हाल है।गांवों में जागीरदारों द्वारा बनाई गई पंचायतें समुदाय के साथ भेदभाव करती हैं और उस समुदाय के लोगों को लाभान्वित करती हैं जो उनकी गुलामी करते हैं और बाकी परिवारों से पक्षपात करती हैं और यहां तक ​​कि उनके बच्चों को पुलिस के सहयोग से ड्रग्स (एनडीपीएस) के और चोरी जैसे झूठे साथ भेदभाव करते हैं और वे सामाजिक कार्य करते हैं। और चोरी जैसे झूठे मामलों में फंसा कर उनका आर्थिक और सामाजिक शोषण करती हैं। जिसका ताजा उदाहरण दौरागला थाना अंतर्गत सेखा गांव का है। उन्होंने कहा कि सीएनएफ और सीएनयूएफ गैर-राजनीतिक संगठन हैं और उनका काम ईसाई समुदाय के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और मानवाधिकारों के लिए लड़ना है और जहां भी समुदाय को पुलिस और अमीर लोगों द्वारा धकेला जाता है। उनके साथ खड़े रहना संस्था का प्राथमिक कार्य है।

उन्होंने पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर बिना सच्चाई और सबूत के मसीही युवको के खिलाफ कोई गलत कार्रवाई की गई तो थाने या एसएसपी कार्यालय की घेराबंदी कर दी जाएगी।12 सदस्यीय सीएनएफ इकाई ने सर्वसम्मति से मौनू मसीह, सरवन मसीह, प्रभजोत मसीह, रवि मसीह, सनी मसीह, शक्ति मसीह, हरदीप मसीह, विक्की मसीह, साजन मसीह सचिन मसीह, स्टीफन मसीह और अजय मसीह को चुना। बैठक में ग्रिफिन मसीह प्रधान शेखा, कुलवंत मसीह वाजिद चक, जागीर मसीह कोटला, राजन रंधावा, मुखविंदर मसीह, सुखा, आकाशदीप आदि ने भी अपने विचार रखे.

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