मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रकरण में सोमवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में फिर सुनवाई नहीं हो सकी। दावे के वादी ने अदालत में औरंगजेब के फरमान की प्रति और जिस विग्रह को मंदिर तोड़कर आगरा की मस्जिद के नीचे दबा दिया गया है, उसका फोटो भी प्रस्तुत किया है। अब अदालत में 23 जुलाई को सुनवाई होगी।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा किए गए दावे की सोमवार को तारीख थी। वादी ने बताया कि उन्होंने कनाडा के भारत मार्ग चैनल द्वारा जारी किए गए भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह की फोटो अदालत में दाखिल की है, जबकि बीकानेर के संग्रहालय से उस फरमान की प्रति अदालत को दी गई है, जिसमें औरंगजेब ने मंदिर तोड़ने संबंधी फरमान जारी किया था।
अदालत में स्टे, एएसआई सर्वे, जिओ रेडियोलॉजी सिस्टम तथा जीपीआर सिस्टम से खोदाई संबंधी प्रकरण पर सुनवाई होनी थी। केस के अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि सोमवार को बारिश के कारण अदालत में नोवर्क था, जिसके चलते सुनवाई नहीं हो सकी। अब यह सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
बारिश के कारण न्यायालय में हुआ नो वर्क
बारिश के कारण बार एसोसिएशन द्वारा सोमवार को नोवर्क घोषित कर दिया गया। जिसके चलते अदालतों में सोमवार को काम नहीं हो सका। बार अध्यक्ष सुशील शर्मा ने बताया कि बारिश के कारण चूंकि शहर के अंदर तथा बाहर जलभराव की स्थिति बन जाती है इसलिए वादकारियों को न्यायालय आने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनकी इस परेशानी को देखते हुए नोवर्क कर दिया गया।
संत पहुंचे अदालत के द्वार
श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रकरण में अदालत में चल रहे केस की सुनवाई के लिए वृंदावन के कई साधु-संत अदालत पहुंचे। संतों का कहना है कि अदालत द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान के प्रकरण में जल्द ही सुनवाई की जानी चाहिए। जल्द ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित जमीन कब्जे में आनी चाहिए।