आखिर कब तक यूँ ही राजनीतिक तंत्र कर्मचारियों का शोषण करता रहेगा । आखिर क्यों मजबूर हैं पूरे देश के एक करोड़ से ऊपर कर्मचारी ।। आखिर क्यों एक करोड़ कर्मचारियों का निजीकरण हुआ ।

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आखिर कब तक यूँ ही राजनीतिक तंत्र कर्मचारियों का शोषण करता रहेगा । आखिर क्यों मजबूर हैं पूरे देश के एक करोड़ से ऊपर कर्मचारी ।। आखिर क्यों एक करोड़ कर्मचारियों का निजीकरण हुआ ।

RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief
HR MEDIA GROUP

पेंशन से वंचित एक करोड़ से ऊपर के कर्मचारी बुढ़ापे में एक ऐसी कम्पनी के हवाले हैं जिसका ध्येय सिर्फ और सिर्फ बिजेनस के तहत अरबो खरबो का मुनाफा कमाना है और कर्मचारियों के पैसे का गमन करना है । सुना था सरकारें कर्मचारी हितैषी होती है परंतु यह सब सुनी सुनाई कहानियां है । कोई भी सरकार कर्मचारी हितैषी नही होती बल्कि कर्मचारियों के लिए दमनकारी नीतियां बनाकर उनका शोषण करने वाली होती हैं । राजनीतिक दलों ने कर्मचारियों की पेंशन बन्द कर समाज के सामने एक अनोखा उदाहरण दिया है कि इस देश में लोकतंत्र खत्म हो चुका है और जो भी राजनीतिक दल सत्ता में आते हैं वे सिर्फ अपनी पीढ़ियों को धन संपदा इकट्ठा करने के लिए झूठे वायदों के साथ सत्ता हासिल करते हैं । और कर्मचारी इनके झूठे वायदों का हर बार शिकार होते हैं । पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण शर्मा सरकार से पूछता है कि हिमाचल प्रदेश में आज तक चुनावी वायदे के तहत एनपीएस की नाकामियों को परखने के लिए कमेटी क्यों नही बनी । आज तक प्रधानमंत्री जी ने एनपीएस कर्मियों के मन की बात क्यों नही सुनी । फिर देश के एक करोड़ एनपीएस कर्मी कैसे वर्तमान सरकार को कर्मचारी हितैषी माने ।। प्रवीण शर्मा ने कहा कि जो भी राजनीतिक दल स्टाम पेपर पर लिख कर देगा कि आते ही पुरानी पेंशन ,छीना हुआ हक वापिस देंगे उसी को देश के एक करोड़ लोग सत्ता का सुख देंगे । हमें अटल विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मन की बात में एनपीएस कर्मियों के मुद्दे को उठाएंगे । हम चाहते है कि एनपीएस कर्मियों का यह विश्वास कायम रहे और इनकी सुध ली जाए ।कहा कि जब बात आती है कि देश को विकसित करेंगे तो पहले एनपीएस कर्मियों के भविष्य को सुरक्षित करें । क्योंकि देश तभी विकसित होते है जब देश के नागरिकों के रहन सहन का विकास होता है । हकों को छीन कर देश को विकसित नही किया जा सकता और हकों से बंचित कर्मचारियों को अपने हकों के लिए लड़ना जरूरी है क्योंकि जब तक पीड़ित लोग एक सुर में अपने छीने हुए अधिकारों की बात नही करेंगे तब तक उनकी सुध नही ली जाएगी ।
पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा पालमपुर के गांधी मैदान में 25 दिसम्बर के दिन पेंशन बहाली महाकुम्भ का सम्मेलन रखने हेतु एलान करता है और सभी एनपीएस कर्मियों को इस सम्मेलन में अपनी भागीदारी निभानी अनिवार्य है । इस बार एनपीएस कर्मी यह न सोचें कि उनके जाने से सम्मेलन को कोई फर्क नही पड़ेगा क्योंकि अगर सभी यही सोचकर नही आएंगे तो फिर आपके हक की लड़ाई कभी खत्म नही होगी और बुढ़ापे में दर -दर की ठोकरें खानी होंगी ।

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