आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा, मुखर हुये विरोध के स्वर, लगी स्वाभिमान पर चोट तो तिलमिला उठे कर्मठ सिपहसालार

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आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश के कार्यकर्ताओं का गुस्सा आजकल आसमान पर है। जब तक तो प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ था तब तक तो सभी शान्त था। हर कोई अपने हिस्से की लड़ाई लड़ रहा था।

काफी लंबा इंतजार करने के बाद जब आम आदमी पार्टी हाईकमान ने हिमाचल प्रदेश की नई कार्यकारिणी की घोषणा की तो सभी कार्यकर्ता निराश और हताश होकर बैठ गए।

उनका गुस्सा चरम पर जा पहुंचा। नवगठित कार्यकारिणी में जिन पदाधिकारियों के नाम दर्शाए गए हैं उसे देखकर सभी हैरान रह गए। इस लिस्ट में उन लोगों को तरजीह दी गई जो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी के खासमखास हैं तथा पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं जैसे कि धर्मशाला से। उनके गुरु पार्टी से विश्वासघात कर आस्तीन का सांप बनके आज वे वह भाजपा की गोद में जा बैठे हैं।

इसके अलावा जिस व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है उसकी आम जनता में जरा भी पैठ नहीं है।

चार लोग उसके साथ चलने वाले नहीं।

नवगठित कार्यसमिति की लिस्ट के मुताबिक केवल चाटुकारों को प्राथमिकता दी गई उनकी करतूतों को नजरअंदाज किया गया।

पार्टी द्वारा उपेक्षित किये जाने के बावजूद जो कर्मठ कार्यकर्ता थे, जो कंधे से कंधा मिला कर काम कर रहे थे, उन्हें खुड्डेलाइन लगा दिया गया। दूध में जैसे मक्खी को निकालते हैं वैसी ही उनकी हालत है।

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में पार्टी की दो-तीन साल पहले काफी अच्छी पैठ चल रही थी। सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता जी जान से मेहनत कर रहे थे लेकिन पार्टी हाईकमान ने आनन-फानन में सच्चाई को जाने बिना कुछ चाटुकारों की बातों में आकर पुरानी कार्यकारिणी को अचानक भंग कर दिया और उसके बाद आज तक नई कार्यकारिणी का गठन नहीं किया ।

कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश में हाशिए पर पहुंच गई । कोई पूछने वाला नहीं था। पार्टी को मृतप्राय: बना कर छोड़ दिया गया।

जब अचानक पार्टी को होश आया पंजाब की जीत के बाद तब कहीं जाकर उन्होंने हिमाचल की खैर खबर ली। पुराने कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी ने जो दुर्व्यवहार किया वह अशोभनीय है, निंदनीय है।

आज भी हमारे ज़हन में कुछ पुराने ईमानदार व कर्मठ कहे जाने वाले कुछ आप नेताओं के नाम हैं जिनमें अपूर्वा शर्मा, एनएस कोटिया, बीर सिंह ठाकुर, सुनील नेकटा, तरसेम शर्मा, विशाल राणा युवा प्रदेशाध्यक्ष, अनिल चौहान, संजीव शर्मा, मधु शर्मा और न जाने कितने और कर्मठ कार्यकर्ता थे जिन्हें पार्टी ने पूरी तरह से भुला दिया। इन लोगो ने प्रदेश और अपने क्षेत्र का चप्पा-चप्पा छान कर पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुंचाया।

उनके नाम तक स्मरण नहीं रखे। कैसी अनोखी राजनीति चला रहे हैं केजरीवाल जहां अपना सब कुछ दांव पर लगा कर बिना किसी लोभ लालच के काम करने वाले कार्यकर्ताओं के साथ ऐसा मतलबपरस्ती का रवैया अपनाया जा रहा है। क्या ऐसे लोगों को कबाब में से हड्डी की तरह निकाल कर केजरीवाल चुनाव जीत पाएंगे। यह गलती हिमाचल आम आदमी पार्टी के इतिहास की सबसे बड़ी भूल मानी जायेगी।

उनको जीरो बना कर ऐसे लोगों को हीरो बनाने की मिसाल पेश की है आम आदमी पार्टी ने जिनका पार्टी के उत्थान में ज़रा सा भी योगदान  नहीं रहा। जिनका समाज सेवा से दूर का भी नाता नहीं। ऐसे लोग पार्टी को क्या वोट दिला पाएंगे। पुराने कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात करके उन लोगों को मौका दिया गया है जो शाम ढलते ही पूरे दिन की खबर अपनी मूल पार्टियों तक पहुंचा कर आम आदमी पार्टी की जड़ों को खोखला कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक प्रेस नोट के माध्यम से बताया कि आम आदमी पार्टी द्वारा पूरे हिमाचल के विधानसभा अध्यक्षों के साथ जो सौतेला व्यवहार किया जा रहा है,, उसकी हम निंदा करते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिन से देखने में आ रहा है की आम आदमी पार्टी के कुछ पद अधिकारियों ने जिस तरह से विधानसभा में अपने चार-चार संगठन मंत्री जो बनाए गए हैं, उनको दिल्ली से जो भेजे गए विधानसभा इंचार्ज हैं ,उनको वह हर दिन अपने काम की रिपोर्ट देंगे।

अब हमारे लोगों को दिल्ली वालों की हुकम गुलामी करनी पड़ेगी। उन्होंने गुस्से का इज़हार करते हुये कहा कि हमारे जितने भी विधानसभा अध्यक्ष थे, उनमें अगर जरा सी भी नैतिकता हो तो वे लोग तुरंत इस पद से अपना इस्तीफा दें क्योंकि जिस तरह से पार्टी ने हमारे अध्यक्षों को जलील करके निकालने का प्रयास किया है,,, इसलिए सब अध्यक्षों को अपने पद को छोड़ देना चाहिए ताकि दिल्ली वाले जो लोग हिमाचल के लोगों के ऊपर हुकमत चलाने का जो काम दिल्ली के लोग कर रहे हैं उनको पता लगना चाहिए कि हिमाचल के लोगों का भी अपना स्वाभिमान काम करता है। उन्हें ज़लील करना, उनके आत्म सम्मान पर चोट करना, उनके स्वाभिमान से खेलना इतना आसान नहीं है।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पार्टी ने जो बैसाखियाँ तैयार की हैं वे जल्द लड़खड़ा कर गिर पड़ेंगी और फिर से नई कार्यसमिति का गठन करने पर बाध्य होना पड़ेगा आप को। तब आपको अपनी गलती का एहसास होगा। सर्वविदित है कि एक वेटर को प्रदेशाध्यक्ष बना कर पार्टी कितना आगे बढ़ पाएगी।

आप कार्याकर्ता हिमाचल प्रदेश

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