“नमन तुम्हें अभिनंदन” श्रीमती सुरेश लता अवस्थी, प्रख्यात कवयित्री की खूबसूरत रचना

0

ALPHA ACADEMY
श्रीमती सुरेश लता अवस्थी की सुंदरतम रचना

चौकी खलेट, पालमपुर, Mob : 8278739443

नमन तुम्हें अभिनंदन

नमन तुम्हें हे वीर अभिनंदन,
भारत माँ के माथे के चंदन,
कोटि कोटि हृदयों के वंदन,
नमन तुम्हें अभिनन्दन।
जीवन सार्थक हुआ तुम्हारा,
भारत माँ का बना सहारा,
चालीस परिवारों का करंदन,
बदला लिया तूने अभिनंदन,
कैसे तुमने दम दिखाया,
मिग से फाइटर मार गिराया,
कैसे मारा बड़ा विमान,
कैसे किया ये काम जवान,
गोलियों की बौछार जब दन दन,
नमन तुम्हें अभिनंदन।
नमन करें उन सब शहीदों को,
बन गए जो अब एक कहानी,
दे दी वतन को अपनी जवानी,
याद रहेगी ये क़ुरबानी।

भारत माता के थे वे सपूत,
भारत माँ के थे वे दूत,
मात – पिता के आँख के तारे,
बृद्धावस्था के थे सहारे,
कहां से आई मौत की गाड़ी,
क्यों नही देखी क्यों नहीं ताड़ी,
कैसे बच कर वहाँ पहुँच गई,
किस से यह सब चूक हो गई।

जब अंदर ही दुश्मन रहते हों,
जिनको हम भाई कहते हों,
तब तो ये सब कल भी होगा,
गोली चलेगी खून बहेगा,
लाशों का इक ढेर भी होगा।

बहुत हों गया, बहुत सह लिया,
पानी तो क्या, सिर से ऊपर,
अब शहीदों का रक्त बह गया,
अब दुश्मन का अंत निकट है,
मिटेगा उस का नामो निशान,
अब भारत माँ के अभिनंदन,
करेंगे उस का काम तमाम।
करेंगे उस का काम तमाम।।

Leave A Reply

Your email address will not be published.