वुहान में एक साल बाद फिर कोरोना मरीज मिलने से हड़कंप

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बीजिंग: वुहान शहर में एक करोड़ से अधिक लोग रहते हैं ऐसे में कोरोना का नया मामला सामने आने से लोगों में दहशत का माहौल है। वुहान शहर में ही साल 2019 के आखिर में कोरोना संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया गया था जिसके बाद से दुनिया के अन्य देशों में इसका संक्रमण फैलने लगा था। इस बीच वुहान के वरिष्ठ अधिकारी ली ताओ ने मंगलवार को मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार एक करोड़ से अधिक आबादी वाले शहर में सभी निवासियों की कोरोना जांच शुरू कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन में मंगलवार को कोरोना के 61 नए मामले सामने आए थे। बता दें कि चीन के कम से कम 18 प्रांतों में पिछले 10 दिनों में संक्रमण के 300 घरेलू मामले सामने आए हैं। जो एक बार फिर से चीन ही नहीं दुनिया के अन्य देशों के सामने परेशानी का सबब बन सकती है।

बता दें कि वुहान में वायरस संक्रमण फैलने के बाद चीन ने अपने लोगों को उनके घरों में कैद कर दिया था। साथ ही घरेलू यातायात सुविधाओं को भी बंद कर दिया था और बड़े पैमाने पर कोरोना की जांच के लिए अभियान चलाया गया था।

अमेरिकी रिपब्लिकंस द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट में दावा किया गया कि समूची दुनिया में कोरोना महामारी फैलाने वाला वायरस चीन की वुहान लैब से लीक हुआ था। रिपोर्ट में दावा किया गया  कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिक कोरोना वायरस को बदलने का प्रयास कर रहे थे ताकि इससे इंसानों को संक्रमित किया जा सके। इस हेराफेरी को गोपनीय ढंग से किया जा रहा था।

यह भी दावा किया गया कि अमेरिकी विशेषज्ञ और चीन व अमेरिकी के सरकारी फंड की मदद से यह काम किया जा रहा था। अमेरिकी पार्टी के सांसद व सदन की विदेश मामलों की कमेटी के प्रमुख माइक मैकॉल ने यह रिपोर्ट जारी की। इसमें आग्रह किया गया कि कोविड-19 महामारी का मूल पता करने के लिए बहुदलीय जांच होना चाहिए, जिसके कारण पूरी दुनिया के 44 लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

 

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