AGRICULTURE UNIVERSITY में कोरोना विस्फोट, एक ही दिन की कोरोना टेस्टिंग में 50 से अधिक विद्यार्थी आये कोरोना पॉज़िटिव, हालात और गम्भीर होने की आशंका
कोरोना वायरस ने फिर से अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह महामारी और अधिक भयानक रूप धारण करती जा रही है।
पिछले तीन-चार दिन से कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कोरोना वायरस फैलने की आशंका जताई जा रही थी। इस बारे में यूनिवर्सिटी के प्रशासन को अवगत भी करवाया जा चुका था।
हॉस्टल वार्डन्स को भी इस बारे में सचेत किया गया था कि वह विद्यार्थियों के कोरोना टेस्ट करवा लें ताकि समय पर स्थिति को नियंत्रण में किया जा सके लेकिन जब जिला स्वास्थ्य विभाग थोड़ा सख्त हुआ तो विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया और विद्यार्थियों के कोरोना टेस्ट करवाने शुरू किये।
नतीजन आज मात्र 100 विद्यार्थियों में से 26 विद्यार्थी कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
4 बजे सायं तक यह संख्या चरम रूप धारण कर गई और कोरोना पॉज़िटिव विद्यार्थियों का आंकड़ा 50 तक जा पहुंचा। इस से पूरे कृषि विश्वविद्यालय में हड़कम्प मच गया है।
यह खबर पालमपुर में आग की तरह फ़ैल गयी और लोग सहमे हुये नज़र आ रहे हैं।
वर्तमान हालात के चलते आशंका व्यक्त की जा रही है कि कोरोना पॉजिटिव विद्यार्थियों की यह संख्या रिकॉर्ड तोड़ सकती है।
यदि स्वास्थ्य विभाग ने सावधानी न बरती होती और समय पर एक्शन न लिया होता और प्रशासन को कोरोना टेस्ट करवाने हेतु विवश न किया होता तो सोचिए परिस्थितियां कितनी गंभीर हो सकती थीं।
ग़ौरतलब है कि पिछले कई दिनों से लगातार कृषि विश्वविद्यालय में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए। उसी का विपरीत परिणाम आज हमें देखने को मिल रहा है। इन्हीं functions का नतीजा आज यह निर्दोष विद्यार्थी भुगत रहे हैं।
लोगों का मानना है कि यदि कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन सतर्क रहता तो आज यह नोबत नहीं आती।
जब इस बारे में कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति से उनकी राय जाननी चाही तो वह फोन नहीं उठा सके और न ही message का उत्तर दे पाए।
अब देखना यह है कि कोरोना पॉजिटिव विद्यार्थियों यात्रियों को उनके घर वापस भेजा जाता है या कृषि विश्वविद्यालय में ही उन्हें आइसोलेट करके उनका उपचार किया जाता है । उन्हें गेस्ट हाऊस में रखा जाता है या कोई अन्य विशाल परिसर का चुनाव करता है।
उल्लेखनीय है कि 12 जनवरी को कृषि विश्वविद्यालय में यूथ डे भी मनाया जा रहा है जिसमें भारी भीड़ होने की संभावना है।
अब देखने की बात यह है कि कृषि विश्वविद्यालय में कोरोना के बढ़ते हुए खतरे को देखकर प्रदेश सरकार व कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन कोई एहतियातन कदम उठाता है और यूथ फेस्टिवल को रद्द करता है या फिर कर्मचारियों व विद्यार्थियों की जान को खतरे में डालकर इस कार्यक्रम को आयोजित करता है।
अगर समय रहते इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो कोरोनावायरस पूरी यूनिवर्सिटी को अपनी चपेट में ले सकता है जोकि अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देख कर भी सरकार चेत नहीं हो रही है। 10 जनवरी को परौर में विशाल जनसभा का भी आयोजन किया जा रहा है। देखते हैं सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।
अगर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ तो क्या परिणाम होंगे, इसका अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है। देखिये यह विनम्र निमन्त्रण कार्ड….. किसी अनहोनी का जिम्मेदार कौन होगा?