रंग लाएगी सूर्यवंशी और अल्का लाम्बा की वार्ता : कांग्रेस की आंधी आई-भाजपा की जगहंसाई, लगभग 48 सीटें जीत कर इतिहास रचेगी कांग्रेस : अल्का लाम्बा, अब हिमाचल प्रदेश को भी बिकने नहीं देगी कांग्रेस

अगर भाजपा आई तो 100 रुपये की ब्रेड और 150 रुपये किलो बिकेगा दही

0

ALPHA ACADEMY

Get 15% Off sitewide | Use Code: WOW15
Shop Now!
https://ekaro.in/enkr20221211s18554053

HR MEDIA GROUP के Editor-in-Chief राजेश सूर्यवंशी और अल्का लाम्बा (कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी हिमाचल प्रदेश) के बीच हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर हुई बातचीत के सम्पादित अंश, प्रस्तुत हैं प्रबुद्ध पाठकगणों सेवा में :-

सूर्यवंशी :  अल्का लांबा जी, जबसे आपने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की मीडिया प्रभारी पद की कमान सम्भाली है, प्रदेश कांग्रेस में एक गजब की स्फूर्ति का एहसास देखने को मिल रहा है। कार्यकर्ताओं में नया जोश है, एकजुटता का भी आभास हो रहा है, इस बारे में आप अपने विचार सांझा कीजिये। आपका यह दावा है कि इस बार कांग्रेस सरकार प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने जा रही है। आपको क्या लगता है कि  वर्तमान रुझान के मुताबिक कांग्रेस कितनी सीटें लेने में कामयाब हो सकती है?

अलका लाम्बा : सूर्यवंशी जी, पहले तो मैं आप का धन्यवाद करूंगी कि आप ने हमारे लिए अपने व्यस्ततम समय में से अपना बहुमूल्य समय निकाला। साथ में कांग्रेस पार्टी आप के अंतर्राष्ट्रीय मान्यताप्राप्त डिजिटल न्यूज चैनल India Reporter Today जोकि लगभग एक करोड़ पाठकों तक अपनी पहुंच बनाने जा रहा है, का हार्दिक आभार भी व्यक्त करती है।

हिमाचल प्रदेश में वर्तमान भाजपा सरकार का कार्यकाल लगभग पूरा होने ही वाला है। प्रदेश की जनता 2017 में भाजपा को एक ट्रायल के आधार पर सत्ता में लाई थी। लोगों ने सोचा था कि शायद भाजपा के लोग बड़बोले होने व लच्छेदार भाषण के भी शौकीन होने के साथ-साथ ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और जनता के सच्चे हितैषी व सेवक बनकर उभरेंगे। विकास की गंगा बहाएंगे, बेरोज़गारी को दूर भगाएँगे, महंगाई पर लगाम लगाएंगे, जनता की सच्चे दिल से सेवा करेंगे लेकिन अफ़सोस की बात है कि ऐसा एक भी सपना पूरा नहीं हो पाया।

 इसके विपरीत सरकार ने डबल इंजन की पार्टी की सरकार होने की बात को भी जनता में खूब भुनाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी और जनता को डट कर 5 साल तक गुमराह किया गया जिसका जीता-जागता सबूत भाजपा को मोदी जी की महा फ़्लॉप मंडी रैली में देखने को मिल गया है जहां एक लाख से अधिक खाली कुर्सियां लाल रंग की आभा लिये भाजपाइयों को मुंह चढ़ाती दिखीं। तमाम कोशिशों और लगभग 80 करोड़ की भारी-भरकम धनराशि बर्बाद करने के बावजूद भाजपा मात्र थोड़े से भाड़े के लोग ही जमा कर पाई। भाजपा के कुछ नेता तो प्रवासी मज़दूरों को भी दिहाड़ी देकर हिमाचली वेशभूषा में बसों में बिठाकर रैली में ले गए लेकिन जब उनकी राजस्थानी, बिहारी, यूपी आदि भाषाओं पर लीगों का ध्यान गया तो सारी पोल खुल गई और भाजपा की स्थिति हास्यास्पद बन कर रह गई।

लोगों ने भाजपा को पूरी तरह से नकार दिया। इसका सीधा असर आगामी चुनावों में आपको देखने को मिल जाएगा जब नतीजों के समय भाजपा का सूपड़ा साफ होने की खबर आएगी।

इस तरह जनता को झूट-सच बोल कर कि दिल्ली समेत डबल इंजन वाली सरकार हिमाचल प्रदेश को विशेष दर्जा प्रदान करके तथा प्रदेश को विशेष मॉडल का दर्जा देकर जो विकास कांग्रेस से सत्ता में न आने के चलते छूट गया था उसे भाजपा सरकार पूरा करके एक कदम आगे चलकर नया कीर्तिमान स्थापित करेगी। लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा कुछ नही हुआ।बल्कि प्रदेश में ज्वलंत समस्याओं का अंबार जस का तस बना हुआ है।

बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, कर्मचारियों के सैकड़ों ज्वलन्त मुद्दे, महंगे पानी, बिजली, खराब सड़के, सड़कों में गड्ढ़े नही बल्कि सड़कें ही गड्ढों में है। भाजपा सरकार ने फिजूलखर्ची करके प्रदेश की जनता का रोम-रोम कर्जे में डूबो दिया है।

प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि जय राम सरकार बाकी छोड़ो अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेश में सार्वजनिक हित के कोई पांच काम तो गिनाएं और उनका श्वेत पत्र भी साथ में ही जारी करें।

कुल मिलाके भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते विधान सभा के इन चुनावों में प्रदेश में कांग्रेस कुल 68 में से 58 के आस-पास सीटे जीतकर सरकार बनाएगी और जनता से किए हुए वादों के ऊपर काम करना शुरू कर दिया जाएगा।

सूर्यवंशी : अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो सर्वप्रथम जनहित के क्या कार्य किये जाएंगे?

अल्का लाम्बा : बेहतरीन सवाल किया है सूर्यवंशी जी आपने।  कांग्रेस पार्टी खासकर 10 गारंटियों जैसे कि एनपीएस कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन को तुरंत बहाल करना इत्यादि जैसे ज्वलंत मुद्दों पर सत्ता में आते ही काम पर लगना ही हमारी पार्टी की प्राथमिकता रहने वाली है।

सूर्यवंशी : कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम को आप किस तरह सर हल करेंगे।

हमारी सरकार कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए अन्य कदमो के इलावा जो मुख्य पहलु रहेगा जैसे कि वर्तमान में एनपीएस के तहत सरकार के हरेक कर्मचारी के हिस्से का 14% योगदान सरकार को करना पड़ रहा है और 10% कर्मचारी के हिस्से का कटता हैं होता। इस तरह कुल 24% योगदान को आगे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्राइवेट कंपनियों के खातों में डालकर कंपनियां इस पैसे को शेयर मार्केट में अपने मुनाफे के वास्ते सिर्वुलेट करवाती है। इसी प्रकार कांग्रेस सरकार इसी पैसे को वापस लाकर कर्मचारियों के खाते में डालकर महालेखाकार हिमाचल प्रदेश के कार्यालय में इनके खाते खुलवाकर इनका जीएफएफ कटवाना शुरू करेगी और कर्मचारियों को पेंशन प्लस जरूरत पड़ने पर कर्मचारियों द्वारा जीपीएफ की निकासी भी कर सकेंगे इत्यादि।

सूर्यवंशी : जैसाकि देखने में आ रहा है कि भाजपा का हैश टैग ज़ोर शोर से चल रहा है कि #रिवाज़ बदलेगा, इस बारे आपका क्या कहना है।

अल्का लाम्बा : जिस तरह से प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय द्वारा रिवाज बदलने या खुद की सरकार को repeat करने के दावे को जयराम ठाकुर जी बार बार गुनगुनाते रहते हैं तो मैं मुख्यमंत्री जी से सवाल करना चाहूंगी की ये कैसा रिवाज हुआ कि बिना कुछ किए ही रिवाज के ख्वाब देखना तो अच्छी बात हैं परंतु public domain में लोग जयराम जी की इस रिवाज बदलने वाली  बात को इस समय कतई भी पचाने के मूड में नहीं हैं। उल्टे जयराम खुद हंसी का पात्र बन रहे हैं।

इसलिए मुख्यमंत्री जी को अपने गिरेबान में झांकर बात करनी चाहिए। ऐसे ही रिवाज नही बदले जाते, उसके लिए काम करके दिखाने पड़ते है। यदि किए हैं तो श्वेत पत्र जारी करें, अपना मेनिफेस्टो जारी करने से भी पहले।

सूर्यवंशी : सर्वविदित है कि केंद्रीय मुद्दे और केंद्रीय चेहरे हिमाचल के चुनावों में कोई खास वजूद नहीं रखते, प्रदेश की राजनीति स्थानीय मुद्दों के ऊपर चलती है तो चुनावी संग्राम में आपके कौन से मुद्दे सर्वोपरि रहेंगे?

अल्का लाम्बा :  अब चुनावों के दौरान पार्टियों के केंद्रीय चेहरों का भी रेलियो में भाग लेने का सिलसिला लगा रहेगा लेकिन अब जनता काफी समझदार और पढ़ी-लिखी और सजग है। जनता अब खुद ही गुण दोष पर वोट देती है । जनता को मालूम कि इस बार जो रिकॉर्ड तोड महंगाई, बेरोगारी की अति विकराल समस्या, ओपीएस, भ्रष्टाचार और विकास के सारे मुद्दे हावी रहने वालें हैं।

इन सभी बातों का भाजपा के पास कोई तोड़ भी नही है। इन बातों के बदले भाजपा के लोग जनता का ध्यान भटका रही हैं और उन्हे गुमराह करके अनाप-शनाप बयानबाजी करने में मशगूल है।

पार्टी द्वारा जो 10 गारंटिया जनता हित में अभी हाल में जारी की थी इसकें इलावा जो विजन डॉक्यूमेंट/ जनता से पूछकर जो मेनिफेस्टो बनेगा जिसे बाद में सरकार का नीति दस्तावेज बनाया जाएगा। उसे आधार बनाकर जनता के काम होंगे।

सूर्यवंशी : आप क्या आपको लगता है कि हाल ही में कांग्रेस ने भाजपा को चारों सीटों पर धूल चटा दी थी क्या वैसा ही रुझान अब भी देखने को मिलेगा हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अतिरिक्त केंद्र के सभी टॉप नेताओं ने यहां एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था लेकिन खाली हाथ लौटने पर मजबूर हो गए थे।

अल्का लाम्बा : बहुत अच्छा प्रश्न किया है।जैसे कि पिछले उप चुनावों में भाजपा को कांग्रेस ने चारों खाने चित करके 4.0, सीटे जीतकर रिकॉर्ड बनाया था। तब जयराम जी का रिवाज बदलने का टोटका काम क्यों नही आया। अब की बार भी कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने में वही टोटका काम आयेगा क्योंकि जनता की समस्याएं तब भी वैसी थी बल्कि आज वही समस्याएं और भी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में तो अवश्य ही कांग्रेस की रिकॉर्ड तोड सीटे आएंगी जिसका प्रदेश की जनता बेसब्री से इंतजार कर रही है।हिमाचल की जनता गुण दोष पर ही फैसला करती है। यहां की जनता किसी के बहकावे में भी नही आती। प्रदेश में चाहे बीजेपी का कोई भी बड़े से बड़ा नेता दौरा करें या न करे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि जनता आज बहुत परेशान चल रही है।

इस बार परेशान जनता कांग्रेस की झोली में कम से कम 48 सीटें डाल कर इतिहास रचने जा रही है। प्रदेश की जागरूक व प्रिय जनता को मेरा जय हिंद – जय भारत!

Leave A Reply

Your email address will not be published.