हिमाचल प्रदेश सरकार को बड़ा झटका, सभी CPS का काम हुआ तमाम

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Dr. Sushma Sood (Founder : Sushma Hospital, Dental Radiance Hospital Palampur
Dr. Swati Katoch Sood, & Dr. Anubhav Sood, Gems of Dental Radiance
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हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का फैसला: सीपीएस की नियुक्ति असंवैधानिक

INDIA REPORTER TODAY

SHIMLA : RAJESH SURYAVANSHI

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सरकार द्वारा नियुक्त छह मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) #ChiefParliamentarySecretaries  को मंत्री के रूप में कार्य करने और मंत्री स्तर की सुविधाएं प्राप्त करने से रोक दिया है।

न्यायालय ने कहा कि सीपीएस की नियुक्ति असंवैधानिक है क्योंकि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 के प्रावधानों का उल्लंघन करती है।  न्यायालय ने यह भी कहा कि सीपीएस को मंत्री स्तर की सुविधाएं देना भी अनुचित है क्योंकि इससे लोकतंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

इस फैसले से हिमाचल प्रदेश सरकार को बड़ा झटका लगा है। सरकार ने सीपीएस की नियुक्ति को विधानसभा में एक कानून पारित करके वैध बनाया था, लेकिन न्यायालय ने इस कानून को भी असंवैधानिक करार दिया है।

हिमाचल प्रदेश में सीपीएस की नियुक्ति का मामला पिछले साल से विवादों में था। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने इस नियुक्ति को चुनौती दी थी और कहा था कि यह संविधान के खिलाफ है।

पार्टी ने यह भी आरोप लगाया था कि सीपीएस की नियुक्ति मंत्रियों के पदों को भरने के लिए की गई है ताकि कांग्रेस सरकार अपने विधायकों को खुश रख सके।

न्यायालय के इस फैसले के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि हिमाचल प्रदेश में सीपीएस की नियुक्ति असंवैधानिक है। यह फैसला लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है और यह दिखाता है कि न्यायपालिका संविधान के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभा रही है।

यह फैसला यह भी स्पष्ट करता है कि राज्य सरकारें संविधान के प्रावधानों को बदलने के लिए कानून नहीं बना सकती हैं।
यह फैसला यह भी दिखाता है कि न्यायपालिका संविधान के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभा रही है और वह लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है।

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