नई दिल्ली: कथित रूप से फोन टैप कराने को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल संसद से लेकर सड़क तक केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। इसी बीच जासूसी मामले की रिपोर्ट में कुछ और नाम सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि उद्योगपति अनिल अंबानी का भी फोन हैक किया गया है। इसके अलावा सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर आलोक वर्मा के भी फोन टैप किए जाने की आशंका जताई जा रही है। इस लिस्ट में कुछ और नाम है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिस फोन नंबरों का अनिल अंबानी और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) के एक अन्य अधिकारी ने इस्तेमाल किया, वे नवंबर उस सूची में शामिल है, जिसका विश्लेषण पेगासस परियोजना समूह के मीडिया भागीदारों ने किया था। हालांकि, रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि अनिल अंबानी वर्तमान में उस फोन नंबर का उपयोग कर रहे हैं या नहीं। इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अनिल अंबानी के अलावा, कंपनी के अन्य अधिकारी जिनके फोन नंबर सूची में शामिल हैं, उनमें कॉरपोरेट संचार प्रमुख टोनी जेसुदासन के साथ उनकी पत्नी भी शामिल हैं।
वहीं तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के सलाहकारों और नगालिम राष्ट्रीय समाजवादी परिषद (एनएससीएन) के कई नेताओं के नाम शामिल हैं। इसके अलावा दुबई की राजकुमारी शेख लतीफा के कई करीबियों की जासूसी की भी संभावना जताई गई है। गार्जियन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एनएसओ समूह के निशाने पर भारत में निर्वासित सरकारों के अध्यक्ष, एक दूसरे आध्यात्मिक बौद्धिक नेता के स्टाफ लोबसांग सांगे और ग्यालवांग करमापा का भी नाम आया है।
दलाई लामा के सलाहकारों में तेम्पा सेरिंग भी हैं। वे लंबे समय तक दिल्ली में दलाई लामा के दूत के तौर पर रहे हैं। इनके अलावा तेनजिन ताख्ला, चिमेय रिग्जेन और सेमढोंग रिनपोचे का भी नाम है। एक अन्य रिपोर्ट में एनएससीएन नेता आईसेक म्युवाह, एटेम वाशुम, अपम म्युवाह, एंथोनी शिमरे और फुनथिंग शिमरांग का भी नाम था। वहीं नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों (एनएनपीजी) के संयोजक एन किटोवी झिमोमी का भी नाम है। झिमोमी के साथ मोदी सरकार 2017 के अंत में संभावित नागा मुद्दे का समाधान तलाशने के लिए बातचीत कर रही है।
इस्राइल कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित रूप से पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक असंतुष्टों समेत 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए गए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा के मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के फोन नंबरों को इस्राइल स्पाइवेयर के जरिए हैकिंग के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
पेरिस स्थित एक संस्था ‘फॉरबिडन स्टोरीज एवं मानवाधिकार समूह ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा हासिल की गई और 16 समाचार संगठनों के साथ साझा की गई 50,000 से अधिक सेलफोन नंबरों की सूची से पत्रकारों ने 50 देशों में 1,000 से अधिक ऐसे व्यक्तियों की पहचान की है, जिन्हें एनएसओ के ग्राहकों ने संभावित निगरानी के लिए कथित तौर पर चुना था।