वन खनन व सीमेंट माफिया की एक लाख करोड़ से अधिक के संसाधनों की लूट की जांच न करने के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे देशराज शर्मा

माफिया का साथ देने पर सरकार की हो रही किरकिरी

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     मंडी
हिमाचल अधिकार आंदोलन संयोजक देशराज शर्मा हिमाचल प्रदेश में वन खनन व सीमेंट माफिया की एक लाख करोड़ से अधिक के संसाधनों की लूट की जांच पर सरकार द्वारा कोई पहल न करने पर आज मंडी के ऐतिहासिक सेरी चानणी में आमरण अनशन पर बैठ गए। जबकि पुर्व प्रशाशनिक अधिकारी बीआर कौंडल शिमला उच्च न्यायालय के अधिवक्ता नीरज शर्मा राईट फांउडेशन के संस्थापक शुरेश कुमार बिमल कुमारी तारा चंद जीवा नंद  परस राम जगदीश चंद गुलाब सिंह अबलूराम रमेश कुमार केशव गोपाल सिंह नरेंद्र सैनी आदि धरने पर बैठे। देशराज शर्मा ने खेद व्यक्त करते हुए बताया कि माफियाओं पर कार्रवाई करने के बजाये सरकार के राजस्व अधिकारी उनके 85 वर्षीय पुर्व सैनिक पिता जिन्होने देश के लिए तीन लड़ाईयां ईंडों चाईना वार 1962 और ईंडो पाक वार 1965 व 1971 लड़ कर सीने पर गोलियां खाई और उन्हे सेना मैडल से नवाजा गया उनके पुश्तैनी जमीन पर बने मकान को अवैध कहकर गिराने पहुंच गए और खड़ी फसल के बीच जमीन की निशानदेही करने लगे। इतना ही नहीं उनके पिता और उनके भाई जो पुर्व सेनाधिकारी है जिन्होने अवैध खनन की शिकायत की है को थाने बुला लिया गया। देशराज शर्मा ने कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं। सरकार को उनका व उनके परिवार का उत्पीड़न करने के बजाय माफिया और जिम्मेदार  अधिकरियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। जबकि संबधित विधायकों का इस्तीफा लेना चाहिए।
विश्व स्वस्थ्य संगठन की रिर्पोट में खुलासा हुआ है कि सीमेंट कारखानों के आस पास की पंचायतों के लोंगों के लंग्स खराब हो रहे है और उन्हे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। फसलें खराब हो रही है।
हिमाचल अधिकार आंदोलन की मांग है कि मामले की हाईकोर्ट जज द्वारा जांच की शुरूआत नाचन विधानसभा क्षेत्र के चैलचैक स्थित वन विश्रामगृह और विधायक के घर के समीप जासन जंगल में तथा उनके स्वयं के गांव भयारटा तहसील बल्ह से की जाये।
अजय सहगल   ( मंडी )

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