वाशिंगटन: एपल अपने फोन में अब एक ऐसा स्कैन सिस्टम लगाने जा रही है, जिससे उसे फोन से होने वाली गतिविधियों पर कंपनी की लगातार नजर बनी रहेगी। कंपनी ने कहा है कि वह ये सिस्टम बाल शोषण से संबंधित तस्वीरों की निगरानी के लिए फोन में शामिल करने जा रही है।
कंपनी अपने फोन में न्यूट्रलमैच नाम का एक नया एल्गोरिद्म शामिल करेगी। ये एल्गोरिद्म फोन में स्टोर की जाने वाली तस्वीरों की लगातार जांच करता रहेगा। साथ ही वह तस्वीरों को आईक्लाउड पर अपलोड करता रहेगा। फिलहाल, ये एल्गोरिद्म सिर्फ अमेरिका में बिकने वाले फोन में डाला जाएगा।
ब्रिटिश अखबार द फाइनेंशियल टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक एपल ने न्यूट्रलमैच के बारे में इसी हफ्ते अमेरिका के कुछ विशेषज्ञों और सुरक्षा अनुसंधानकर्ताओं को जानकारी दी। उसके मुताबिक न्यूट्रलमैच एक ओटोमेटेड (स्वचालित) सिस्टम होगा, जो किसी तस्वीर के बारे में शक होने पर तुरंत मानव जांचकर्ताओं को अलर्ट कर देगा। मानव जांचकर्ता तब उसका सत्यापन करेंगे। एपल कंपनी ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में अपनी इस योजना की जानकारी दी है। उसमें कहा गया है कि बाल संरक्षण के इस सिस्टम को समय के साथ और विकसित किया जाएगा। अगले महीने एपल का नया आईओस-15 जारी होने वाला है। उसमें न्यूट्रलमैच शामिल होगा।
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका में बाल संरक्षण के लिए बढ़ते दबाव के बीच कंपनी ने ये पहल की है। इस रूप में वह अपने उस वादे से समझौता करने जा रही है, जिसमें वह कहती रही है कि उसके लिए यूजर्स की निजता सर्वोपरि है। विश्लेषकों का कहना है कि विभिन्न देशों की सरकारें बाल संरक्षण के अलावा आपराधिक गतिविधियों, आतंकवाद और वित्तीय घोटालेबाजों आदि की निगरानी के कदम भी उठा रही हैं। ऐसे में अगर फोन कंपनियों ने सबकी मांग पूरी की, तो फोन लगातार यूजर की जासूसी का उपकरण बन जाएगा।
विशेषज्ञों ने कहा है कि बाल शोषण को रोकने की हर कोशिश होनी चाहिए, लेकिन एपल की इस पहल से सरकारों की नागरिकों के निजी डाटा में पैठ बन जाएगी। जिस मकसद से कंपनी नया एल्गोरिद्म फोन में शामिल कर रही है, उसका इस्तेमाल उस मकसद से अलग भी किया जा सकेगा। ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज में सिक्योरिटी इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रॉस एंडरसन ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा- ‘यह बिल्कुल एक डरावनी सोच है, क्योंकि इसका परिणाम हमारे फोन और लैपटॉप के जरिए थोक भाव से जासूसी के रूप में हमारे सामने आएगा।’
एपल कंपनी ने कहा है कि उसकी नई टेक्नोलॉजी से अमेरिका सरकार को बाल शोषण रोकने के लिए बहुमूल्य और ऐसी जानकारी मिल सकेगी, जिस पर वह कार्रवाई कर सके। लेकिन अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में साइबर सिक्योरिटी के प्रोफेसर मैथ्यू ग्रीन ने एक ट्विट में कहा कि जब जानकारियां एपल के पास पहुंच रहेंगी, तो सरकारें उससे हर व्यक्ति के बारे में हर सूचना मांगने लगेंगी। अमेरिका में निजता के अधिकार के लिए मुहिम चलाने वाले कार्यकर्ता एलेक मुफेट ने कहा है कि एपल की ये पहल व्यक्तिगत निजता के लिहाज से प्रतिगामी कदम है। इससे वह लगातार निगरानी का सिस्टम पेश करने जा रही है।