हिमाचल प्रदेश में सेब के दाम गिरने और मंडियों में लूट से नाराज बागवानों ने प्रदेश भर में किये प्रदर्शन
हिमाचल प्रदेश में सेब के दाम गिरने और मंडियों में लूट से नाराज बागवानों ने सोमवार को प्रदेश भर में प्रदर्शन किए। हिमाचल प्रदेश संयुक्त किसान मंच के बैनर तले शिमला, कुल्लू, किन्नौर, मंडी, सोलन, सिरमौर और अन्य जिलों में विभिन्न किसान संगठनों के साथ मिलकर तहसील, ब्लॉक और उपमंडल स्तर पर हल्ला बोला। इस दौरान प्रदेश सरकार को 13 सूत्रीय मांगपत्र भी भेजा गया। इसमें सेब को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग प्रमुखता से उठाई गई है।
प्रदर्शन में संयुक्त किसान मंच से जुड़े अन्य किसान संगठनों ने भी भाग लिया। विभिन्न जिला परिषद, ब्लॉक समिति सदस्यों, प्रधानों और उप प्रधानों और पंचायत सदस्य भी प्रदर्शन में शामिल हुए। रोहड़ू के विधायक मोहनलाल ब्राक्टा और ठियोग कुमारसैन के विधायक राकेश सिंघा ने भी प्रदर्शन में भाग लिया। संयुक्त किसान मंच ने निर्णय लिया है कि सरकार ने बागवानों की मांगों पर निर्णय नहीं लिया तो 27 सितंबर को प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार किसानों की मांगों को नहीं मान लेती। कहा गया कि सरकार अडानी, अन्य कंपनियों, आढ़तियों और खरीदारों के दबाव में कार्य कर रही है।
सभी फसलों के लिए घोषित किया जाए न्यूनतम समर्थन मूल्य : हरीश
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि सरकार को भेजे ज्ञापन में मांग की गई है कि सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। कश्मीर की तर्ज पर एमएसपी 60, 44 और 24 रुपये प्रति किलो घोषित किया जाए। मंडियों में खुली बोली लगाई जाए।
कोल्ड स्टोर के निर्माण के समय बागवानों के लिए 25 प्रतिशत सेब रखने के प्रावधान हो। किसान सहकारी समितियों को स्थानीय स्तर पर कोल्ड स्टोर बनाने के लिए 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाए। पैकिंग सामग्री में वृद्धि वापस हो। सरकार बागवानों को मुआवजा दे। सेब और अन्य फसलें वजन के हिसाब से बेची जाएं। दवाओं और एंटीहेल नेट पर उपदान दिया जाए।