नीरज चोपड़ा का सम्मान करेगी आर्मी

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थल सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे से आज दोपहर 2:30 बजे साउथ ब्लॉक में ओलंपिक गोल्ड विजेता नीरज चोपड़ा करेंगे मुलाकात. 16 तारीख को भारतीय सेना की तरफ से गए सभी 16 खिलाड़ियों का आर्मी करेगी सम्मान. इन खिलाड़ियों सेना के जवानों का सम्मान इसीलिए किया जाएगा, क्योंकि ये जवान जहां एक ओर भारत माता के सीमाओं की रक्षा करते हैं, वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों में भारत माता के गौरव को भी बढ़ाते हैं. एक ओर जहां जान की बाज़ी लगाकर भारत माता के लिए सरहद पर लड़ते हैं, तो वहीं दूसरी ओर कड़ी मेहनत करके सरहद के पार दूसरे देशों से मेडल लेकर आते हैं.

नीरज ने कही ये बातें

ओलंपिक में प्रतियोगिता के दौरान अपने आखिरी थ्रो को लेकर नीरज ने कहा, ‘शुरुआत में दो थ्रो बहुत अच्छे गए. फिर बीच में कई थ्रो खराब गए. आखिर वाले थ्रो से पहले मुझे पता था कि मैं स्वर्ण जीत चुका हूं. ऐसे में मैं बहुत तल्लीन रहता था, लेकिन उस थ्रो से पहले मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था बस मैंने थ्रो फेंक दिया, लेकिन वह थ्रो अच्छा गया.’ इस तरह से भारत के खाते में एक स्वर्ण पदक शामिल हो गया.

नीरज ने बताया कि वह 90 मीटर दूर भाला फेंकने का लक्ष्य लेकर टोक्यो गए थे. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मेरी 90 मीटर थ्रो फेंकने की तैयारी इस बार थी. जेवलिन थोड़ी टेक्निकल है. मैं इसके आसपास था. इस बार सोच रहा था कि कर दूंगा. 90 मीटर थ्रो फेंकना मेरा सपना है, जिसे मैं जरूर पूरा करूंगा.”

दिल्ली में हुए स्वागत के दौरान कही थी ये बात

गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने मंच पर आकर पहले अपना मेडल दिखाया. उन्होंने कहा कि मैं उस दिन से अपना मेडल जेब में रखकर घूम रहा हूं. जिस दिन से मेडल आया है ना खा पाया हूं, ना सो पाया हूं. समर्थन के लिए सभी को बहुत बहुत धन्यवाद. थ्रो पर नीरज ने कहा कि मुझे लगा कि ये मेरा पर्सनल बेस्ट थ्रो था, इसलिए ऐसा अहसास हुआ कि बेहतर किया हूं. बालों के सवाल पर नीरज ने कहा कि 10 साल की उम्र से बड़े बाल रख रहा हूं, लेकिन दो-तीन टूर्नामेंट में ये परेशान करने लगे, जिसके बाद बाल छोटे करा लिया. ये मेरा मैडल नहीं, पूरे देश का मैडल है.

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