सल्याणा की Aruna Vyas का हिमाचली संस्कृति को सहेजने का एक सराहनीय प्रयास
अरुणा जी को हार्दिक शुभकामनाएं!
हिमाचली संस्कृति को सहेजने का एक सराहनीय प्रयास
श्रीमती अरुणा व्यास मूलतः सलियाणा गांव से हैं। इनकी इस पुस्तक में वो सब पारंपरिक गीत मिलेंगे जो मुख्यतः कांगड़ा और मंडी में विभिन्न अवसरों पर गाए जाते हैं।इसमें एक और विवाह में अलग अलग रस्मों में गाए जाने वाले गीत सम्मिलित हैं जैसे समूहत, घोड़ी चढ़ने ,तेल डालने की रस्म इत्यादि वहीं दूसरीऔर यज्ञोपवीत,जन्मदिन के शुभ अवसर पर गाए जाने वाले गीत भी शामिल हैं। अपनी सांस्कृतिक धरोहर को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की दिशा में ये पुस्तक निश्चय ही मील का पत्थर साबित होगी। अरुणा जी को हार्दिक शुभकामनाएं।