जयराम ठाकुर सरकार मचा सकती है हड़कंप समय से पूर्व चुनाव करवाकर, हिमाचल में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी को क्या हाशिए पर धकेल पाएगी जयराम ठाकुर सरकार
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी को हाशिए पर धकेलने की पूरी कोशिश
कुछ जाने-माने राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा सरकार हिमाचल प्रदेश में नवंबर 2022 की जगह सितंबर माह में ही विधानसभा चुनाव करवाकर विपक्षी दलों को एक बड़ा झटका दे सकती है।
माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव निर्धारित समय से पहले चुनाव आयोजित करवाने का मन बना सरकार इसलिए बना रही है कि आम आदमी पार्टी के बढ़ते हुए कदमों को रोका जा सके।
गौरतलब है कि पहले यह चुनाव नवंबर 2022 में होना निश्चित थे तथा दिसंबर माह में सभी सीटों का रिजल्ट सामने आ जाना था लेकिन इस समय केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को टक्कर देने के उद्देश्य से सरकार गुजरात के साथ ही हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव करवा सकती है और इस बात की पूरी पूरी उम्मीद राजनीतिक विश्लेषक लगाए हुए हैं ।
ध्यान देने योग्य बात है कि अभी आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश में अपना कोई विशेष मुकाम नहीं बना पाई है तथा अगर इसे सात आठ महीने का समय मिल जाता तो यह पंजाब में कुछ विशेष विकास कार्य करवा कर उसकी छाप हिमाचल के मतदाताओं में छोड़ने में कामयाब हो सकती थी लेकिन यदि चुनावी समय को कम कर दिया जाता है तो आम आदमी पार्टी अपनी छाप मतदाताओं में छोड़ने में ढीली साबित हो सकती है जिसका पूरा-पूरा लाभ प्रदेश की भाजपा सरकार को मिलना तय है।
दूसरी ओर कांग्रेस भी अभी खुलकर जनता के सामने नहीं आ रही है । इसके नेताओं में भी कोई विशेष हलचल या सरगर्मी दिखाई नहीं दे रही है इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश की जय राम सरकार हर रोज नित नए वादे और विकास के कार्यों को जनता के सामने रख रही है तथा दिनोंदिन निरन्तर अपनी छवि को सुधारने में जी जान से जुटी हुई है।
समय से पहले चुनाव करवाए जाने का सीधा सीधा लाभ भाजपा को मिलता दिख रहा है। इस हिसाब से यदि राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो चुनाव सितंबर माह में करवाए जा सकते हैं।
विश्वसनीय सूत्रों का यह भी मानना है कि समय से पहले चुनाव करवाने के निर्णय को लेकर मुख्य बात यह सामने आती है कि सरकार कांग्रेस और विशेषकर आम आदमी पार्टी की चुनावी तैयारियों पर अंकुश लगाकर उन्हें पीछे धकेल सकती है।
अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए यह काफी निराशाजनक साबित हो सकता है ।
इसके अतिरिक्त यदि जयराम ठाकुर सरकार हिमाचल प्रदेश में रिपीट होना चाहती है तो इसे 15 से 20 विधायकों को बदलकर नए उम्मीदवारों को विधानसभा टिकट देना होगा।
अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो 15-20 सीटें भाजपा के कब्जे से छटक कर आम आदमी पार्टी या कांग्रेस की झोली में जा सकती हैं क्योंकि कुछ मंत्री और विधायकों की स्थिति निराशाजनक है क्योंकि विभिन्न प्रकार के घोटालों और गलत नीतियों के कारण कई मंत्री और विधायकों की छवि धूमिल हो चुकी है ।
आम आदमी का भी यह मानना है कि इस बात की पूरी आशंका है कि हिमाचल की जय राम ठाकुर सरकार समय से पहले चुनाव करवा के आम आदमी पार्टी के बढ़ते हुए कदमों को रोकने का पूरा प्रयास करेगी। आगे क्या होता है यह तो भविष्य के गर्भ में है।
यह भी सर्वविदित है कि चुनावों के लिए बहुत कम समय बचा हुआ है और इस समय में जितनी तेजी से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी को चुनावी तैयारियां करनी चाहिए थी वह नहीं कर पाई है।
अब सबकी निगाहें अरविंद केजरीवाल की 6 तारीख की मंडी रैली पर बड़ी बेसब्री से टिकी हुई हैं जहां आल आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं दिनरात एक करके डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं।