अटल आशीर्वाद योजना के तहत कांगड़ा में 13,191 लोग लाभान्वित  

 अटल आशीर्वाद योजना के तहत कांगड़ा में 13,191 लोग लाभान्वित  

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 अटल आशीर्वाद योजना के तहत कांगड़ा में 13,191 लोग लाभान्वित  

INDIA REPORTER TODAY

सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी,
 कांगड़ा स्थित धर्मशाला।

वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप के बावजूद कांगड़ा ज़िला में स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं पर बराबर ध्यान दे रहा है। जिसके चलते अन्य स्वास्थ्य योजनाओं की गति बराबर बनी हुई है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही अटल आशीर्वाद योजना लोगों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है।
हिमाचल प्रदेश में अटल आशीर्वाद योजना 13 फरवरी, 2019 को आरम्भ हुई थी। अटल आशीर्वाद योजना के तहत बेटी और बेटा दोनों के जन्म पर नवजात के परिजनों को सम्बन्धित अस्पताल प्रबंधन की ओर से बेबी किट प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत अब तक कांगड़ा ज़िला में 13,191 पात्र लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है।
ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 विक्रम कटोच बताते हैं कि बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार पात्र परिवारों के नौनिहालों को बेबी किट मुफ्त उपलब्ध करवाती है। सरकारी अस्पताल के अलावा यह सुविधा उन गर्भवती महिलाओं को भी दी जा रही हैं, जो प्राइवेट अस्पताल में नवजात को जन्म देती हैं।
ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी बताते हैं कि बेबी किट में मां और बच्चे के प्रयोग की 12 चीज़ें शामिल हैं। पहले पैकेट में मां के लिए टूथ ब्रश, टूथ पेस्ट, नहाने का साबुन और वैसलिन उपलब्ध करवाई जाती है। दूसरे पैकेट में एक फुल स्लीव्स आउटफिट, दो बेबी बनियान, एक मखमल का स्क्वेयर पीस, दस्ताने और ऊन के मौजे, 100 मिली लीटर बेबी मसाज तेल, बेबी टॉवल, छः बेबी क्लॉथ नैपीज़, हाथ धोने के लिए 100 मिली लीटर सैनेटाइज़र, बच्चों के लिए मच्छरदानी, एक कंबल और एक प्लास्टिक का झुनझुना खिलौना शामिल होता है। एक बेबी किट की कीमत करीब 1,500 रुपये होती है।
सरकार द्वारा चलाई गई इस अटल आशीर्वाद योजना से ग़रीब लोगों को काफी लाभ मिल रहा है। पहले महिलाओं को यह सामान बाज़ार से ख़रीद कर लाना पड़ता था। अगर यह सामान बाज़ार से खरीदना हो तो उन्हें करीब चार से पॉंच हज़ार रुपये ख़र्च करने पड़ते हैं।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव करवाने के लिए प्रेरित किया जाना है ताकि मातृ तथा शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। कोई भी पात्र व्यक्ति अस्पताल आने के लिए 108 पर फोन कर सकता है। इससे गर्भवती को अस्पताल सुरक्षित पहुंचाने और सुरक्षित प्रसव करवाने में मदद मिलती है। प्रसव के बाद घर छोड़ने के लिए 102 एम्बुलैंस मुफ्त में उपलब्ध करवाई जाती है।

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