आयुष्मान और हिमकेयर ने ख़त्म किया लोगों के मन से इलाज के खर्च का फ़ियर, अब तक दोनों योजनाओं से 3 लाख 33 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ों का फ़्री इलाज, 335 करोड़ हुए खर्च

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आयुष्मान और हिमकेयर ने ख़त्म किया लोगों के मन से इलाज के खर्च का फ़ियर

हिमाचलियों की सेहत का ख्याल रख रहीं आयुष्मान और हिमकेयर
अब तक दोनों योजनाओं से 3 लाख 33 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ों का फ़्री इलाज, 335 करोड़ हुए खर्च

 

RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief
HR MEDIA GROUP

शिमला। केंद्र और हिमाचल की डबल इंजन सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं लोगों के लिए लाभकारी साबित हो रही हैं। स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए शुरू की गईं आयुष्मान और हिमकेयर जैसी योजनाओं ने लोगों के मन से इलाज पर होने वाले खर्च की चिंता को समाप्त कर दिया है। हिमाचल के लाखों लोग आज प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) और मुख्यमंत्री हेल्थकेयर (हिमकेयर) योजना का लाभ ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) और मुख्यमंत्री हेल्थकेयर योजना (हिमकेयर) के माध्यम से अब तक हिमाचल के 3 लाख 33 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ों को निःशुल्क इलाज की सुविधा मिली है। केंद्र की आयुष्मान योजना के तहत जहां 1 लाख 16 हज़ार से ज्यादा मरीजों का निशुल्क इलाज हुआ है तो प्रदेश की हिमकेयर योजना का भी 2 लाख 17 हजार लोग लाभ उठा चुके हैं। दोनों योजनाओं पर अब तक केंद्र और हिमाचल सरकार 335 करोड़ रुपये से खर्च कर चुकी है।

 

केंद्र सरकार ने लोगों को पांच लाख तक का हेल्थ बीमा कवर देने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी आयुष्मान भारत योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत बहुत बड़ा वर्ग हिमाचल में कवर नहीं हो पा रहा था। ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसी तर्ज पर हिमकेयर योजना की शुरुआत की ताकि बाकी बचे हिमाचलियों को भी इलाज पर होने वाले खर्च के लिए चिंतित न होना पड़े।

हिमकेयर योजना भी लाखों लोगों का सुरक्षा कवच बनी है। इस योजना के तहत प्रदेश में अब तक 5.13 लाख परिवार पंजीकृत हुए हैं और 2.17 लाख मरीज़ इसका लाभ ले चुके हैं। योजना पर अब तक 196.16 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं और इसमें एक हजार 579 तरह के ट्रीटमेंट की मुफ़्त सुविधा दी जाती है। इसमें डे-केयर सर्जरी भी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमकेयर योजना की शुरुआत पहली जनवरी, 2019 को की। हिमकेयर योजना में पंजीकृत परिवार के पांच सदस्यों को पांच लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज किया जाता है। पांच से अधिक सदस्यों वाले परिवारों को योजना का लाभ लेने के लिए दो कार्ड बनवाने की सुविधा दी गई है। हिमकेयर योजना के लिए पंजीकरण हर वर्ष जनवरी से मार्च माह तक किया जाता है।

 

हिमकेयर में पंजीकरण व अन्य शर्तें

इस योजना के तहत कार्ड बनाने के लिए गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों, मनरेगा कर्मियों व पंजीकृत रेहड़ी-फड़ी वालों को कोई भी प्रीमियम नहीं देना होता। एकल नारी, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग, 70 वर्ष की आयु से अधिक वृद्धजन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं, आशा व मिड-डे-मील कार्यकर्ता, दिहाड़ीदार, अंशकालिक तथा आउटसोर्स व अनुबंध कर्मचारियों के लिए मात्र 365 रुपये प्रतिवर्ष प्रीमियम निर्धारित किया गया है। अन्य व्यक्ति जो नियमित सरकारी या सेवानिवृत्त कर्मचारी नहीं हैं उनके लिए प्रीमियम की दर प्रति परिवार प्रति वर्ष 1000 रुपए निर्धारित की गई है। हिमकेयर योजना के तहत पंजीकरण करवाने के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, मोबाइल नंबर और श्रेणी के प्रमाण की आवश्यकता होती है।

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