बदरीनाथ हाईवे तीन घंटे रहा बाधित, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे बंद

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देहरादून: मंगलवार सुबह से ही राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के कई इलाकों में धूप लिखी थी, लेकिन नौ बजे के बाद फिर से बादल छा गए। देहरादून में दोपहर करीब एक बजे हल्की बारिश हुई। उधर, मसूरी में भी बारिश होने के बाद कोहरा छाया रहा। मौसम विभाग ने उत्तरकाशी, देहरादून, नैनीताल और चंपावत में कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की संभावना जताई है।

बदरीनाथ हाईवे मंगलवार को बैनाकुली में करीब तीन घंटे तक बंद रहा। यहां चट्टान से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर हाईवे पर आ गए थे, जिससे यहां वाहनों की आवाजाही थमी रही। जबकि इसी क्षेत्र में टैय्या पुल के पास भी भूस्खलन होने से करीब आधा घंटे तक हाईवे बाधित रहा। इन दिनों रुक-रुककर हो रही भारी बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह बाधित हो रहा है। मंगलवार को सुबह आठ बजे बारिश के बीच बैनाकुली में चट्टान से बोल्डर हाईवे पर आ गए, जिससे हाईवे के दोनों ओर से वाहनों की लाइन लग गई।

सेना के जवानों के साथ ही देश के अंतिम गांव माणा और बदरीनाथ के स्थानीय लोगों को अपने वाहनों में ही हाईवे खुलने का इंतजार करना पड़ा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की दो जेसीबी के जरिए मलबे हटाया गया, जिसके बाद सुबह करीब ग्यारह बजे हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारु कर दिया गया। वहीं, गोविंदघाट के पास टैय्या पुल में भी करीब आधा घंटे तक हाईवे पर मलबा आने से करीब आधा घंटे तक वाहनों की आवाजाही थमी रही। यहां दोपहर एक बजे हाईवे बंद हो गया था, जिसे डेढ़ बजे तक सुचारु कर दिया गया था।

दोपहर करीब डेढ़ बजे गंगोत्री हाईवे पर चुंगी बडे़थी में भूस्खलन हो गया। इससे हाईवे समेत रोड प्रोटेक्शन गैलरी के लिए भी खतरा बढ़ गया है। भूस्खलन के बाद प्रशासन ने एहतियातन यातायात पर रोक लगा दी है। साथ ही ट्रैफिक को मनेरा बाइपास की तरफ डायवर्ट कर दिया है। उधर, यमुनोत्री हाईवे पर मलवा और बोल्डर आने से खरादी के पास हाईवे बाधित हो गया है। हाईवे के दोनों तरफ वाहन फंसे हुए हैं।

कैंपटी क्षेत्र में बारिश के बाद कैंपटी फॉल में पानी बढ़ गया। इससे पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से फॉल और झील को एक घंटे के लिए पर्यटकों के लिए बंद कर दिया। थानाध्यक्ष नवीन चंद्र जुराल ने कहा कि बारिश से कैंपटी फॉल में पानी बढ़ गया था। सुरक्षा की दृष्टि से फॉल में जाने पर एक घंटे के लिए रोक लगा दी गई थी। फॉल में पानी कम होने पर आवाजाही शुरू करा दी गई। वहीं कैंपटी में बिना मास्क के13, सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन में 12, एमवी एक्ट 5, पुलिस एक्ट में एक चालान किया गया। मंगलवार को 55 वाहनों से 275 पर्यटक कैंपटी पहुंचे।

तुंगनाथ घाटी के साथ चमोली के 60 से अधिक गांवों को जोड़ने वाले कुंड-ऊखीमठ-चोपता-मंडल-चमोली राजमार्ग के भूस्खलन व भूधंसाव जोन के स्थायी सुधार में टीएचडीसी तकनीकी सहयोग करेगा। विशेषज्ञों का दल हाईवे का स्थलीय निरीक्षण करेगा। टीम के सुझाव पर यहां सुरक्षा दीवार, कटिंग और पुश्ता निर्माण को लेकर नई तकनीक के हिसाब से योजना तैयार की जाएगी।

84 किमी लंबे कुंड-ऊखीमठ-चोपता-मंडल-गोपेश्वर हाईवे पर ऊखीमठ से चोपता तक चार डेंजर जोन हैं। इसमें जयवीरी, पापड़ी-मस्तूरा-घाटी, ताला और पिंगलापानी शामिल हैं। पिछले साल से भूधंसाव व भूस्खलन की दृष्टि से पापड़ी से पिंगलापानी तक चार किमी क्षेत्र अति संवेदनशील है। यहां सड़क के ऊपर व नीचे की तरफ जगह-जगह दरारें पड़ी हैं, जो बरसात के कारण चौड़ी हो रही हैं। रविवार रात को भी तेज बारिश का पानी दरारों में भरने से पापड़ी में राजमार्ग का 40 मीटर हिस्सा धंसाव से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। यहां वाहनों के संचालन के लिए मिट्टी का भरान किया जा रहा है।

वहीं, एनएच ने प्रभावित हिस्से के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए टीएचडीसी से सहयोग मांगा गया है। इस सप्ताह टीएचडीसी के विशेषज्ञों का दल राजमार्ग का स्थलीय निरीक्षण करते हुए भूस्खलन व भूधंसाव जोन का प्रारंभिक जायजा लेगा। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर नई कार्ययोजना बनाई जाएगी। एनएच की ओर से भी हाईवे के जिन स्थानों पर भूमिगत पानी रिस रहा है या गदेरों के ऊफान से मिट्टी कटाव हो रहा है, वहां गेविन वॉल के साथ दो तरफा सुरक्षा दीवारें व पुश्तों के निर्माण की योजना बनाई जा रही है। यही नहीं, बरसाती स्रोतों व गदेरों का पानी सड़क तक न पहुंचे, इसके लिए निकास नाली के साथ चेंबर तैयार किए जाएंगे। भूधंसाव क्षेत्रों में सड़क का चौड़ीकरण करते हुए टीएचडीसी के सहयोग से केमिकल के साथ डामरीकरण व हॉटमिक्स किया जाएगा जिससे बरसाती पानी सड़क के अंदर न घुसे। वहीं, आबादी क्षेत्रों में आवासीय व व्यवसायिक भवनों की सुरक्षा के लिए सड़क के ऊपरी तरफ सीढ़ीनुमा पुश्तों का निर्माण किया जाएगा।

टीएचडीसी के विशेषज्ञों से हाईवे को लेकर बात हुई है। विशेषज्ञों की टीम हाईवे का निरीक्षण कर स्थायी समाधान के लिए सुझाव देगी। राजमार्ग पर प्रभावित क्षेत्रों में चौड़ीकरण, पुश्ता निर्माण व सुरक्षा दीवार की योजना बनाई जाएगी।

 

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