बैंकों के निजीकरण के विरोध में हड़ताल, केन्द्रीय सरकार की दमनकारी नीति

अगर केन्द्रीय सरकार की इसी तरह की दमनकारी नीति रही तो यह आंदोलन और भी उग्र हो सकता है

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अगर केन्द्रीय सरकार की इसी तरह की दमनकारी नीति रही तो यह आंदोलन और भी उग्र हो सकता है

INDIA REPORTER NEWS
PALAMPUR : RAJESH SURYAVANSHI

सोमवार को  पालमपुर के सभी बैंक कर्मचारियों ने केन्द्रीय सरकार के बैंकों के निजीकरण के विरोध में हड़ताल की। बैंको के सभी कर्मचारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मुख्य शाखा के समक्ष एकत्रित हुए और सरकार के इस फैसले के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में बैंकों की 9 यूनियनों के कर्मचारी व अधिकारी एकत्रित हुए।
इस अवसर पर बैंकों के कर्मचारियों और अधिकारियों के नेताओं ने सम्बोधित किया और बताया कि सरकार के इस फैसले के विरोध में आज देश भर के लगभग 10 लाख बैंक कर्मचारी व अधिकारी यूनाइटिड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की 9 यूनियन एक साथ धरना प्रदर्शन कर रही है और उन्होंने बताया कि इस हड़ताल से जो देश को नुकसान होगा उसकी जिम्मेवारी केन्द्रीय सरकार की होगी। उन्होंन आगे यह बताया कि अगर केन्द्रीय सरकार की इसी तरह की दमनकारी नीति रही तो यह आंदोलन और भी उग्र हो सकता है।
इसके साथ सभी पालमपुर के सभी बैंक कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और रैली का आयोजन भी किया गया और केन्द्रीय सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
इस प्रदर्शन को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ ऐसोसिएशन के सह महासचिव  एस.पी. शर्मा,  ऑफिसर यूनियन के सचिव  अतुल चौधरी , रिजनल सैक्रेटरी पंजाब नैशनल बैंक  शमिन्दर राणा, कैनरा बैंक के  नरेश वर्मा , स्टेट बैंक आफ इंडिया यूनियन के पकज डोगरा,  नितिन पढवालिया और विभिन्न शाखाओं से आए हुए सभी बैंकों के नेताओं ने संबोधित किया।
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 बैंकों की इस 2 दिन की हड़ताल से  बैंकिंग लेनदेन अस्त व्यस्त होने के कारण सारी व्यापारिक गतिविधियां गड़बड़ा गई है ।
 लोगों की चेक क्लीयरेंस रुकी पड़ी है । पिछले 2 दिनों से  बैंक  दूसरे शनिवार और रविवार के कारण  बंद था और उसे पहले भी एक दिन पहले  शिवरात्रि को लेकर बैंक बंद था। ऐसे 5 दिन लगातार बैंक बंद होने के कारण सभी  लोगों का लेन देन बुरी तरह से  गड़बड़ा गया है।
फ़ोटो।
 हड़ताल को लेकर एकत्रित हुए बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी
तथा बैंक अधिकारी ओर कर्मचारी नेता अपने सहयोगियों  को संबोधित करते हुए।

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