‘आप चाहे डाॅक्टर बनो, चाहे इंजीनियर बनो अथवा अध्यापक -परन्तु सबसे पहले अच्छा इन्सान बनो : SHANTA KUMAR
‘‘कामयाबी के सफर में धूप बड़ी काम आई, छांव अगर होती तो कब के सो गए होते।’’ स्वामी विवेकानन्द जी को अपना आदर्श मानने वाले माननीय श्री शान्ता कुमार जी ने स्वामी जी की विचारधारा, उनके जीवन की सशक्त उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया
अस्तित्व ओजमयी स्वामी का
- INDIA REPORTER NEWS
- PALAMPUR : PRAVEEN SHARMA
‘चाहे आप डाक्टर बनो, चाहे इंजीनियर बनो या अध्यापक -परन्तु सबसे पहले अच्छे इन्सान बनो। आज लोग मंच पर खड़े होकर बड़े-बड़े भाषण देते हैं लेकिन मूल रूप से ज़िन्दगी में उसे चरितार्थ नहीं करते, ” यह उद्गार हैं आदरणीय श्री शान्ता कुमार जी के जो उन्होंने 12 जनवरी को कायाकल्प के योग भवन में स्वामी विवेकानंद महोत्सव समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित किया। राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता के पारितोषिक वितरण कार्यक्रम में प्रकट किए गए। उन्होंने युवाओं को जागरूक करते हुए अच्छा इन्सान बनने पर बल दिया क्योंकि किसी भी देश की युवा ऊर्जा देश का स्वाभिमान होता है। युवा ऊर्जा जब सकारात्मकता की ओर कार्य करती है तो वह राष्ट्र-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है अन्यथा नकारात्मक ऊर्जा राष्ट्र को भीतर ही खोखला कर देती है।