शिक्षाविद् रोटेरियन भरत सूद : दी पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन के अनमोल रत्न, बोले… जीवन केवल जीने के लिए नहीं, समाज को बदलने के लिए होना चाहिए।”

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भरत चंद सूद : पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन के अनमोल रत्न

By: राजेश सूर्यवंशी, एडिटर-इन-चीफ, एचआर मीडिया ग्रुप

RAJESH SURYAVANSHI, Editor-in-Chief, HR Media Group, Founder Chairman Mission Against Corruption Society, H.P. Mob 9418130904

कुछ लोग कहते हैं, “समाज सेवा से हमें क्या मिलेगा?” लेकिन ऐसे प्रश्नों का उत्तर भरत सूद जी ने अपने जीवन और कर्म से दिया है। उनका कहना है, “जीवन केवल जीने के लिए नहीं, समाज को बदलने के लिए होना चाहिए।”

समर्पित जीवन का संक्षिप्त परिचय

रोटेरियन भरत चंद सूद, जो अपने जीवन के पचास वर्षों से अधिक का समय दिवंगत डॉ. शिव कुमार के साथ पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन (PREF) के लिए समर्पित कर चुके हैं, सच्चे समाज सेवक और विद्वान शिक्षा शास्त्री के रूप में पहचाने जाते हैं। उन्होंने पारिवारिक हितों से ऊपर उठकर “सेवा परमो धर्मः” को अपना जीवन आदर्श बनाया। उनकी विनम्रता, कर्तव्यनिष्ठा और निस्वार्थ सेवा की कहानी प्रेरणा का स्रोत है

Dr Shiv Kumar, Father of Rotary Eye Hospiral, Internationally acclaimed Social Worker & Founder CHAIRMAN, Rotary Eye Foundation

डॉ. शिव कुमार, PREF के संस्थापक और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता, ने भरत सूद जी के रूप में हर अच्छे-बुरे समय में एक सशक्त साथी पाया। सूद जी ने PREF के हर प्रोजेक्ट को सफलता के शिखर तक पहुंचाया और डॉ. शिव कुमार के सपनों को साकार किया।

एक महान शिक्षक और शिक्षा शास्त्री

शिक्षा के क्षेत्र में श्री भरत सूद की भूमिका अतुलनीय रही है। उन्होंने शिक्षक, प्रधानाचार्य और प्राथमिक शिक्षा के सहायक उप-निदेशक के रूप में कार्य करते हुए अनेक स्कूलों की दशा और दिशा बदल दी। उनके प्रयासों से स्कूलों में न केवल बुनियादी ढांचे का विकास हुआ, बल्कि बच्चों में मूल्य, ज्ञान और सीखने की ललक का संचार हुआ।

उनके पढ़ाए हुए छात्र आज देश-विदेश में उच्च पदों पर कार्यरत हैं और अपनी सफलता का श्रेय भरत सूद जी को देते हैं। उनकी सौम्यता और संवेदनशील व्यवहार ने उन्हें शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के बीच विशेष स्थान दिलाया।

समाज सेवा का स्तंभ

शिक्षा के अलावा, श्री सूद की समाज सेवा भी प्रेरणादायक है। उन्होंने PREF और अन्य परियोजनाओं के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया।

उनका कहना है, “जब तक हम एक-दूसरे की मदद करते रहेंगे, कोई नहीं गिरेगा, किसी का भी अहित नहीं होगा चाहे वह व्यापार हो, परिवार हो या समाज।”

डॉ. शिव कुमार के साथ पांच दशकों से भी अधिक समय तक उनका अटूट सहयोग रहा। PREF और अन्य संगठनों के विकास में उनका योगदान अमूल्य है। उनका मानना है कि जीवन का हर कदम ईश्वर की सेवा के लिए समर्पित होना चाहिए।

चमकता व्यक्तित्व और सादगी

भरत सूद जी न केवल अपने कार्यों के लिए बल्कि अपने सरल और विनम्र स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने सादगी भरा जीवन जीते हुए समाज सेवा के महान आदर्श स्थापित किए। PREF के सेक्रेटरी जनरल के रूप में उनकी भूमिका संस्था के लिए अपरिहार्य है।

सम्मान और प्रेरणा का स्रोत

उनकी मेहनत और समर्पण से PREF ने आंखों की देखभाल और चिकित्सा सेवाओं में नए आयाम स्थापित किए। उनकी कड़ी मेहनत और नेतृत्व ने अनगिनत लोगों की जिंदगियां बदलीं।

श्री भरत सूद का जीवन शिक्षा, सेवा और विनम्रता का अनुपम संगम है। उनकी उपलब्धियां हमें सिखाती हैं कि समाज सेवा के प्रति गहराई से समर्पित व्यक्ति समाज को कैसे बदल सकता है।

उनकी प्रेरणादायक कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में बनी रहेगी।

श्री भरत सूद के प्रयासों ने PREF को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई।

उनकी सोच, “जीवन का असली सार सेवा में है,” हमें आत्मनिरीक्षण के लिए प्रेरित करती है। जब लोग उनकी कहानियों को सुनते हैं, तो न केवल प्रेरणा लेते हैं, बल्कि समाज को बदलने के लिए भी कदम बढ़ाते हैं।

पारिवारिक सहयोग

श्री सूद की धर्मपत्नी, श्रीमती सुषमा सूद, स्वयं भी एक शिक्षाविद् हैं। उनके सहयोग और समर्थन ने श्री सूद के बलिदान और सेवा को और अधिक सार्थक बना दिया। उनके बच्चों ने भी उन्हीं के मूल्यों को अपनाते हुए समाज सेवा के पथ पर चलने की प्रेरणा पाई है।

हम प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर श्री भरत सूद और उनके परिवार को सदा स्वस्थ, सुखी और समृद्ध बनाए रखे। उनकी जीवन यात्रा समाज सेवा के पथ पर चलने के लिए एक दीप स्तंभ की तरह है।

ज्ञान के दीपक श्री भरत सूद जैसे लोग हमें यह सिखाते हैं कि निस्वार्थ सेवा से समाज को रोशन किया जा सकता है। उनके प्रयासों का प्रभाव आने वाले वर्षों तक गूंजता रहेगा।

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