भुंतर ब्यास नदी किनारे प्रवासियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय, प्रशासन उठाने में नाकामयाब ⛔प्रवासियों का खुले में शौच करने से संगम स्थल हो रहा दूषित ⛔जिला भर के देवी -देवता व श्रद्धालु लगाते हैं यहां पवित्र आस्था की डुबकी
⛔भुंतर ब्यास नदी किनारे प्रवासियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय, प्रशासन उठाने में नाकामयाब
⛔प्रवासियों का खुले में शौच करने से संगम स्थल हो रहा दूषित
⛔जिला भर के देवी -देवता व श्रद्धालु लगाते हैं यहां पवित्र आस्था की डुबकी
मुनीष कौंडल की रिपोर्ट
भुंतर : जिला के सबसे बड़े संगम स्थल भुंतर में प्रवासियों की बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय बन गया है।
भुंतर में ट्रक यूनियन के पीछे ब्यास नहीं के साथ प्रवासियों की झुंग्गिया बढ़ती ही जा रही है। इन बाहरी राज्य से आए लोगों पर अवैध रूप से कहीं भी डेरा डालने पर प्रशासन की ओर से कोई भी रोक नहीं है। इन लोगों ने खुले में शौच आदि करके पवित्र ब्यास-पार्वती नदी को दूषित कर रहे है ।
पवित्र संगम स्थल पर समूचे जिला के देवी-देवता सैंकड़ों श्रद्धालुओं सहित धार्मिक तिथियों में आस्था की दुबकी लगाने आते हैं ।
यही नहीं भुंतर के हजारों श्रद्धालुओं द्वारा हर वर्ष गणपति का विशर्जन भी इसी पवित्र स्थल पर किया जाता है ।
जिन धार्मिक नदियों की पूजा पाठ हिंदू समाज करता है उन पवित्र नदियों को प्रवासियों ने बहुत ही गंदा कर रखा है।आज से लगभग 30 वर्ष पहले ब्यास-पार्वती के समीप बसे लोग नदी का पानी पी कर अपनी प्यास बुझाते थे । लेकिन धीरे-धीरे सब बदलता गया नदियों में गंदगी का जहर घुलता गया । सबसे ज्यादा बाहरी लोगों ने इन नदियों की पवित्रता को दागदार किया ।
पवित्र नदियों के किनारे खुले में शौच करने से इनकी शुद्धता को खराब किया जा रहा है।काफी वर्षों पहले प्रवासियों के दो-तीन परिवारों ने यहां डेरा डाला ।
पवित्र ब्यास नदी के किनारे अस्थाई झुग्गियां लगाकर रहने लगे है ।
लेकिन आज यह लगभग 40-50 परिवार को चुके हैं और नएं लोग आने से बढ़ोतरी हो रही है । इतने परिवार नदी किनारे खुले में शौच करेंगे तो पवित्र नदी का पानी तो खराब होगा ही । प्रवासी दंपति फैमली प्लानिग के आपरेशन भी नहीं करवाते एक दंपति के पास पांच-सात से ज्यादा बच्चे होते हैं । यह लोग बच्चे तो पैदा कर देते हैं लेकिन उनकी अच्छी परवरिश करना व शिक्षा देना भूलजाते हैं। यही नहीं इनकी गतिविधियां भी ठीक नहीं है ।
जिला प्रशासन भी इन्हें इस स्थान से उठाने में नाकामयाब है। बाढ़ जैसी स्थिति में यह लोग सब के लिए मुसीबत बन जाते है। बरसात में बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन पुलिस के बल पर इन्हें नदी से दूर करने की कोशिश करता है लेकिन यह लोग यहां से नहीं जाते। ऐसी स्थिति में यह लोग श्मशान घाट के शेड में शरण ले लेते हैं । भुंतर की जनता भी इनसे दुखी हैं इन्होने गंदगी से इस एरियाH में बदबू फैला रखी है । इनके बच्चे दिन भर भीख मांग कर सबको परेशान करते है । जनता ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इन प्रवासियों कोई इंतजाम किया जाए ।