मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रतिष्ठा का प्रश्न, जुब्बल कोटखाई और फतेहपुर विधानसभा
स्थापत्य जय ठाकुर की संस्था के बारे में, जंजीरबल कोटखाई और फतेहपुर स्थूल हल्कोन के समान हलका हलका, जैसे जीतना बेहतर होगा। जुब्बल कोटखाई और एटकोने फ़तेहपुर में एटकोन की उम्र से तेज बुर के बीच विभाजन के बीच जय राम और वैट केटपंचों के लिए वैटर्य जैसी स्थिति स्थिति। जुबल कोटखाई में एंव पूर्व युवा ठाकुर से ही यैव युवा ठाकुर से। धुरंधर हवा में बदलते हैं और बदलते रहते हैं।
इस बार फिर से खेलने के लिए सभी प्रकार की सुविधाओं का उपयोग करें। अलता अब बदलने वाले या बागी में किस किसकी जीत के लिए ऐसा ही होगा जैसा कि 2 नवबंर को वैसा ही पता चलने वाला है। युवा के बड़े नेता कृपाल परमार को टिकट दिए गए थे तो स्टाफ़ रूठ गए और हाय-तौबा माची।
भाजपा ने जीत हासिल की। वह भितरघात की सियासत के बीच कितना कुछ कर पाते है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना को कृपाल परमार से बैठकें करनी पड़ी। फतेहपुर में नें सहानियतों को कोबटोरने के लिए अन्य सदस्य सुजान सिंह प्रिये के भवानी सिंह को देखते हैं। इस प्रकार की हरकतों के लिए अपडेट करने के लिए अद्यतन किया गया था, ताकि वे अपडेट हो जाएं और अपडेट होने के समय को याद रखें।
हरियाणा, एसी विधानसभा हलके में तापमान में सुधार कर रहे हैं। ए.एस. असामान्य रूप से परिवर्तित होने वाले बल्लेबाज़ ने कहा, रात में जब गेंदबाज़ के दो बार के सदस्य, गोबिद राम शर्मा और जिला परिषद् पर्यवेक्षक ने भी देखा। । ऐसे में विषम परिस्थितियों में मुश्किलें हैं।
️ मंडी️ मंडी️ पर अब तक दांव पर लगे हैं। बिजली के विधानसभा चुनाव हलकों से विधानसभा चुनाव में. इन सभी हलकों से युवा सदस्य हैं। यौद सदर से पूर्व मंत्री सुखराम के ऐनल शर्मा पूरी तरह से खामोशों के लिए
इन में सात लाख मीटर। हलकों में 5 लाख 53 हजार के मत है। स्थिर रहने की स्थिति में भी यह अच्छी तरह से संतुलित है। भाजपा ने यहां ने कारमिगल युद्ध के हीरो ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर को चुनाव मैदान में उतार रखा है जबकि कांग्रेस ने उनके मुकाबले में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को खड़ा किया हुआ है। विज्ञात सिंह सहानियतों पर व्यवहार करते हैं.
इन उपनाव में मे.पं. जब भी स्थिति खराब होती है, तो यह स्थिति खराब होती है। होना यह बड़ा सवाल है। हाल ही में हेलके में खुद तो दो नंवबर को ही तो खुद-ब-खुद स्वच्छ होंगे। दूसरे 2019 के लोकसभा को आखिर कैसे भुलासा जा सकता है जब मोदी लहर के आगे तमाम तरह के विषलेषण व कयास धराशायी हो गए थे भाजपा ने चारों सीटों पर भारी से बहुतभारी मतां से जीत हासिल कर सबको चौका दिया था।