हिमाचल की भाजपा सरकार मज़दूर विरोधी : बाबा हरदीप सिंह, अध्यक्ष इंटक
कांग्रेस ने हमेशा किया मज़दूर वर्ग का समुचित हित
संजय सैनी, भवारना
पिक एंड चूज़ पालिसी के तहत बांटा गया, निर्माण मजदूरों का पैसा, जो कामगार श्रम कल्याण बोर्ड में वर्ष 2009 से 2017 तक पंजीकृत हुआ उसे आज तक कोविड 19 सहायता राशि का पैसा नहीं मिला। जो मजदूर वर्ग वर्ष 2018 से मार्च 2020 तक भाजपा शासन काल मे पंजीकृत हुआ उन्हें ही 6-6 हजार की सहायता राशी बांटी गई।
यह बात बावा हरदीप सिंह इंटक अध्यक्ष हिमाचल बिल्डिंग एवं कन्सट्रक्सन एण्ड मनरेगा मजदूर युनियन की राज्य स्तरीय जनरल कांउसलिंग की बैठक में सुलह पालमपुर में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए कही।
बाबा ने कहा एक तरफ सरकार ने महिला मजदूरों को गुमराह किया, उनको मिल रही वाशिंग मशीन के बदले सिंगल बेड कंबल, वाटर फिल्टर, स्टील बर्तनों का सेट देने की घोषणा की, इस एवज में लाखों मजदूरों के फॉर्म भी भरे गए, जो कि श्रम कल्याण बोर्ड की फाइलों में आज भी धूल फांक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह सरकार नहीं चाहती कि गरीब मजदूर को कोई लाभ मिल सके क्योंकि मजदूरों को पहले से मिलने वाली कई योजनाएं इस सरकार ने बंद कर दी है।
इस अवसर पर इंटक के अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह ने कहा कि जब से भाजपा प्रदेश में सत्तासीन हुई है, तब से मजदूर विरोधी कार्य सरकार के जारी है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निनिर्माण श्रम कल्याण बोर्ड जो कि मजदूरों के हितों व उनकी कल्याण व आर्थिक सहायता के लिए बनाया गया था, उस बोर्ड की एहमियत ही समाप्त कर दी है।
बाबा ने कहा कि मजदूरों के कल्याण के लिए बने बोर्ड में विभिन्न प्रकार की सहूलियतें दी जाती थी। जो भाजपा सरकार द्वारा धीरे धीरे बन्द कर दी है।
मजदूर वर्ग को कांग्रेस के समय मे मिलने वाले सहूलियतों में वाशिंगमशीनों से लेकर इंडक्शन हीटर तक मिलता था जिससे कि मजदूर वर्ग परेशान है।
उन्होंने बैठक के एजेंडे पर चर्चा करते हुए कहा कि कोविड -19 महामारी वर्ष 2020 में श्रम कल्याण बोर्ड में पजिंकृत कामगारों को सरकार द्वारा मुआवजा सहायता राशी 6 हजार रूपये उनके बचत खाते मे डालने की राजकीय अधीसूचना जारी की थी। वह राशी केवल 60 प्रतिशत कामगारों के खाते मेें ही डाली गई है बाकी शेष 40 प्रतिशत कामगारों के खाते में बकाया राशी का भुगतान आज तक नहीं किया गया है ।
उन्होंने मांग की कि मनरेगा में प्रत्येक जोब होल्डर को एक वर्ष में 300 दिन रोजगार दिया जाये व मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 300 प्रति दिन करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि जिन महिला मजदूरों ने मनरेगा के अंतर्गत एक वर्ष में 50 दिन काम किया है उन्हे श्रम कल्याण बोर्ड में पजिंकृत किया जाना चाहिए ।
रविवार को हिमाचल बिल्डिंग एवं कन्सट्रक्सन एण्ड मनरेगा मजदूर युनियन की प्रधान जगत राम शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इंटक महासचिव सीता राम सैनी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रूप सिंह ठाकुर और सभी जिलों के प्रधान और महासचिवों तथा कार्यकारणी सदस्यो ने भाग लिया ।