चुनाव में सौदेबाजी का डर, भारतीय जनता पार्टी में अंतरआत्मा नाम की कोई चीज नहीं : मुख्यमंत्री सुक्खू
SHIMLA : IRT
जैसा की सर्वविदित है कि हिमाचल प्रदेश आज भी केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की छाती पर सांप की तरह लौट रहा है। केंद्र सरकार किसी भी स्थिति में हिमाचल में कांग्रेस की सरकारी सरकार को फलता-फूलता हुआ नहीं देखना चाहती इसलिए कांग्रेस को कमज़ोर करने को मजबूर है, ऐसा लोगों का मानना है।
हिमाचल राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक 9 से 10 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है यानि उन्होंने हर्ष महाजन को वोट किया है।
कांग्रेस ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया है। क्रॉस वोटिंग के बीच हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने चौंकाने वाला बयान दिया है।
उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सूक्खू से नाराजगी दिखाई है। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि विधायकों की नराजगी स्वभाविक है। विधायकों को लगता था कि सरकार कुछ कर सकती थी।
प्रतिभा सिंह ने इस दौरान बीजेपी पर भी हमला बोला है. उन्होंने कहा, “इन्होंने (बीजेपी) पहले भी इस तरह की हरकतें की हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भी हमें अंदेशा था कि ये पैसे का गेम भी खेंलेंगे।
इनके पास धन और बल की शक्ति है तो उसका प्रयोग करेंगे। अब हमारे विधायकों ने क्या किया है, जब रिजल्ट आएगा तो पता लगेगा।
‘मेरी अंतरआत्मा साफ’
दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की अफवाहों के बीच कहा, “जहां तक मेरा सवाल है, मेरी अंतरात्मा साफ है.”
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी में अंतरआत्मा नाम की कोई चीज नहीं । पार्टी से परे जाकर जो वोट डालता है, समझिये कुछ न कुछ सौदेबाजी की है।
सीएम के लिए प्रतिष्ठा का सवाल
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ हर्ष महाजन को मैदान में उतारकर राज्य की एकमात्र सीट पर चुनाव को रोचक बना दिया है।
इस चुनाव ने हिमाचल कांग्रेस की अंदरुनी कलह को भी सामने ला दिया है. यहां कांग्रेस के पास 40 और बीजेपी के 25 विधायक हैं।
चुनाव को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।