पालमपुर का सेल्फी प्वाइंट रो रहा है अपनी गरीबी पर
जहां बैठक लोग तस्वीरें खिंचवाने आते हैं वहां वह एडवर्टाइज का लगा बोर्ड छुपाने की कोशिश में रहते हैं
पालमपुर प्रवीण अरोड़ा (माक्का)
पालमपुर एक सुंदर शहर है तथा इसकी सुंदरता को निखारने में पिछले प्रशासन और नगर परिषद ने अथक प्रयत्न किए थे। कहीं पार्क के बनवाए कहीं पर ओपन एयर जिम बनवाएं, शहीदों की प्रतिमाएं लगाई, वाटर फाउंटेन लगाया ,चौक चौराहों की साज-सज्जा की, महात्मा गांधी की प्रतिमा के आसपास के इलाके का सौंदर्यीकरण किया, साथ ही सुभाष चौक को एक नया रूप दिया वहां पर बहुत ही सुंदर पार्क का निर्माण करके एक सेल्फी प्वाइंट बनाया गया ।
कुछ महीनों तक तो यह सेल्फी प्वाइंट बिल्कुल सही था लेकिन अचानक से यहां पर एक निजी संस्थान द्वारा अपना विज्ञापन बोर्ड लगा दिया। जो शायद कहीं पर भी किसी भी भी सेल्फी प्वाइंट पर नहीं दिखता केवल पालमपुर में ही दिखता है। यह बोर्ड अचानक से कहां से आया यह शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्या यह विज्ञापन बोर्ड शासन प्रशासन की सहमति से लगाया गया है ?अगर नहीं तो यह बोर्ड यहां क्या कर रहा है ?
आम शहरी लोग यह सवाल पूछ रहे हैं और यदि यह बोर्ड स्पॉन्सर के रूप में लगाया गया है और इस संस्थान ने इस सेल्फी प्वाइंट का निर्माण करवाया है तो यह बहुत ही छोटा और बिल्कुल नीचे मार्केट की तरफ होना चाहिए था ताकि वहां पर पर्यटकों द्वारा खिंचवाई जा रही फोटो के समय इसे उन्हें छुपाने की आवश्यकता ना रहे। यह बोर्ड वैसे भी एक खूबसूरत चांद पर दाग सा लग रहा है ।क्या शासन प्रशासन के पास इस विषय में कोई स्पष्टीकरण है जो लोगों को हजम हो जाए?