पाठकों के लेख

यह लेख सुनील प्रेम जी धर्मशाला द्वारा लिखा गया है

0

राजनीति अपनी जगह
धर्म अपनी जगह
नेता विकास के लिए होतें है
मन्दिर में माथा रगड़ने के लिए नहीं
सरकार देश के विकास के लिए होती हैं
मन्दिर बनाने के लिए नहीं

मैं भारत की प्रत्येक पार्टी
औऱ प्रत्येक नेताओं पर लिख रहा हूँ
जब तुम मन्दिर – मस्जिद में
माथा औऱ नाक रकड़ना सुरु कर देतें हो
तब ही महसूस हो जाता है
की आप जैसे नेता
औऱ सरकार
विकास ,शान्ति , औऱ प्रगति नहीं कर सकतें है
आप सिर्फ देश में
दंगे , नफरत ,भेदभाव
औऱ अंधविस्वास औऱ पाखण्डवाद को ही
बढ़ावा दे सकतें है ।

अपनी आस्था
धर्म
पूजा और नमाज़
तब करो
घर पर करो
पर जब तुम
रैली में
गाँव औऱ शहर के
दौरे में
चुनाव लड़ने से पहलें
चुनाव जीतने के बाद
मन्दिर में नाक रगड़ते हो
भीड़ के साथ
मीडिया के सामने
तब ये सन्देश दे रहें हो
दुनियॉ में
की हम भारत के अन्धविवास पाखण्डवाद
को ख़त्म करने का परिवर्तन नहीं करेंगे
जातिभेदभाव ,ग़रीबी ,अशिक्षा
अशांति ,सम्प्रदाय हिंसा को
खत्म करने का प्रयास नहीं करेंगे

【सरकार देश में विकास करनें को बनती है _____
या
जय श्री राम के नारों को लगवाने के लिए 】

【सरकार देश में अस्पताल , विद्यालय , ~~~~~~~~
सड़के , ग़रीबी ख़त्म करनें के लिए बनती है
या
मन्दिर बनवाने के लिए 】

आज इतनी महँगाई बढ़ रही है दिन प्रतिदिन
बेरोजगारी बढ़ रही है दिन प्रतिदिन
फिर भी विरोध कम हो रहा है सत्ताधारी सरकार का
क्योंकि विपक्ष सोया हुहा है
जनता मरी हुई है ।

__ सुनील प्रेम

Leave A Reply

Your email address will not be published.