हिमाचलप्रदेश कृषि विश्वविद्यालय Palampur,ICAR ATARI ZONE 1 में 110 सक्सेस स्टोरीज भेजने वाला एकमात्र केंद्र बना
विश्वविद्यालय के इतिहास में एक और उपलब्धि
बी के सूद मुख्य संपादक
हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों तथा प्रशासन की मेहनत रंग लाई है
हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय Palampur के साथ जुड़कर अपनी आर्थिकी में सुधार लाने वाले किसानों की लिस्ट बढ़ती जा रही है।
कृषि विवि के वैज्ञानिकों के प्रयासों और तकनीकों की मदद से क्षेत्र के किसान लाभान्वित हो रहे हैं। ऐसे किसानों की सूची काफी लंबी है और अब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के कृषि तकनीक शोध संस्थान द्वारा जारी आंकड़े भी इसे प्रमाणित कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार ICAR ATARI जोन 1 के तहत कृषि तकनीक शोध संस्थान ने जोन 1 के तहत आते केंद्रों से सक्सेस स्टोरीज आमंत्रित की थी। संस्थान ने इसके लिए अंतिम तिथि 31 अगस्त रखी थी और हर केंद्र से अधिकतम एक सौ सक्सेस स्टोरीज स्वीकार की जानी थी। इसमें किसान प्रथम कार्यक्रम के तहत किसानों की आय दोगुनी करने की योजना से जुड़ी सफलता की कहानियां जमा करवाई जानी थीं। इसकी जानकारी मिलते ही प्रदेश कृषि विवि के कुलपति प्रो. एच के चौधरी ने प्रमुख अन्वेषक डा. देशराज की अगवाई में टीम को सारे आंकड़े एकत्रित करने की जिम्मदारी सौंप दी।।
जानकारी के अनुसार प्रदेश कृषि विवि ने तय समय सीमा के अंतर्गत 110 सक्सेस स्टोरीज भेज दी, जिसमें से सौ स्वीकृत हो गई हैं। खास बात यह है कि जोन एक के तहत आने वाले विभिन्न प्रदेशों के अन्य छह केंद्रों से मात्र 102 सक्सेस स्टोरीज भेजी गईं और उनमें से भी केवल 60 स्वीकृत हुई हैं। जानकारी के अनुसार पंतनगर केंद्र से भेजी गई 43, लुधियाना के दो केंद्रों से 42, जम्मू से दस और देहरादून से मात्र दो सक्सेस स्टोरीज भेजी गई हैं। इस तरह प्रदेश कृषि विवि ने जोन एक के सात केंद्रों में सबसे आगे रहते हुए एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तराखंड के सात केंद्रों में प्रदेश कृषि विवि अव्वल रहा है। (एचडीएम)
इस उपलब्धि पर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर एसके चौधरी ने खुशी जाहिर की है और कहां है कि भविष्य में भी इसी तरह की सक्सेस स्टोरीज सुनने को मिलेगी और हम विश्वविद्यालय के उत्थान के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं जिसमें हम अवश्य कामयाब होंगे
20 मॉडल्स पर हो रहा काम
प्रदेश कृषि विवि ने किसानों की आय दोगुनी करने की सोच के तहत 20 मॉडल तैयार किए हैं। विभिन्न उत्पादों से जुड़े ऐसे मॅाडलों को अपनाकर किसानों को आय दोगुनी करने पर जागरुक व प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस कड़ी में प्रदेश कृषि विवि ने बैजनाथ क्षेत्र के सात गांव चयनित किए हैं जहां पर मुर्गी पालन, मशरुम उत्पादन, बकरी पालन, मौन पालन आदि क्षेत्रों से लोगों को जोड़ा जा रहा है और इसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं।
प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय को 100 प्रतिशत आईसीएआर ATARI जोन 1 में 110 सक्सेस स्टोरीज भेजने वाला एकमात्र केंद्र बन गया है।