पालमपुर नगर निगम में चुनाव की सरगर्मियां बढ़ी मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री और पूर्व मंत्री पूर्व विधायक चुनावी रण क्षेत्र में कूदे

बागियाें ने चुनावी ताल ठाेककर पार्टी पदाधिकारियाें की नींद उड़ा दी है।यही कारण है कि बड़े नेताओं को वार्ड स्तर के चुनाव के रण में कूदना पड़ रहा है

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BK SOOD :-
SENIOR EXECUTIVE EDITOR

पार्टी चुनाव चिन्ह पर हाे रहे नगर निगम पालमपुर के पहले चुनाव में पार्टी प्रत्याशियाें सहित आजाद उम्मीदवाराें ने भी पूरी ताकत झाेंक दी है। पालमपुर बाजार सहित निगम में शामिल पंचायताें के छाेटे-छाेटे बाजार भी प्रत्याशियाें व पार्टियाें के पाेस्टराें से भर गए हैं।

लेकिन इसके बीच पार्टी से बागी हाेकर चुनाव लड़ने वाले कार्यकर्ताओं ने अपनी-अपनी पार्टी के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। इसमें भाजपा व कांग्रेस के अनेक बागियाें ने चुनावी ताल ठाेककर पार्टी पदाधिकारियाें की नींद उड़ा दी है।

बागी प्रत्याशियाें काे लेकर भी बड़े दलाें के समीकरण बिगड़ सकते हैं। पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष राधा सूद व आईमा वार्ड प्रत्याशी ओंकार ठाकुर के नामांकन रद हाेने से कांग्रेस काे अतिरिक्त कार्य करने काे मजबूर किया है। वहीं अधिकतर वार्डाें में बागी प्रत्याशी अधिकृत उम्मीदवाराें की मुसीबतें बढ़ा रहे हैं। लगभग सात वार्ड में कांग्रेस समर्थित कार्यकर्ता चुनावी मैदान में हैं। वहीं भाजपा भी बागियाें के चुनाव में कूदने से खासी परेशान है। चार वार्डाें में सीधे ताैर पर भाजपा के जिला व मंडल पदाधिकारी पार्टी टिकट के अभाव में ताल ठाेक चुके हैं।

भाजपा के बागी प्रत्याशी

वार्ड नंबर 1 (लोहना) विजय भट्ट भाजपा जिला महामंत्री, वार्ड नंबर 4 (आईमा, संजीव सोनी पूर्व मंडल अध्यक्ष, वार्ड-6 (घुगघर खिलडु) संजय राठौर जिला कार्यकारिणी सदस्य, वार्ड नंबर 11 (राजपुर) किरण धीमान मंडल कार्यकारिणी सदस्य।

कांग्रेस के बागी प्रत्‍याशी

कांग्रेस पार्टी में वार्ड-1 (लोहना) बेनी प्रसाद, वार्ड-3 (पालमपुर खास) दिलबाग सिंह, वार्ड-4 (आईमा) दीपक सूद, वार्ड-6 (घुग्घर खिलडु), विशाल कटोच, वार्ड-7 (बिंद्रावन) डीआर वर्मा, वार्ड-10 (मारंडा) रजनी कुमारी, वार्ड-13 (टांडा) रमेश चंद।
दोनों ही पार्टी के बागी उम्मीदवारों ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों की नींद हराम कर दी है।

सरकार के कई मंत्री व स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी चुनावाें काे लेकर सक्रिय नजर आए हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी ने अभी तक अपने नेताओं काे चुनावी जिम्मेदारी में पूरी तरह से सक्रिय नहीं किया है।

बागियाें ने चुनावी ताल ठाेककर पार्टी पदाधिकारियाें की नींद उड़ा दी है।यही कारण है कि बड़े नेताओं को वार्ड स्तर के चुनाव के रण में कूदना पड़ रहा है आम वोटर में यह धारणा है कि वार्ड स्तर के चुनाव में इतने बड़े-बड़े नेताओं का कूदना अच्छे संकेत नहीं है क्योंकि यह स्थानीय चुनाव है और स्थानीय मुद्दों पर ही लड़े जाते हैं।

 

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