नए मुख्यमंत्री चन्नी को अपने घर खरड़ में ही कांग्रेस को मजबूत रखना आसान नहीं |
लोगों का विश्वास है कि चन्नी शायद इस बार बाजी मार जाएं।
खरड़। केवल कृष्ण शर्मा
राज्य के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भले ही श्री चमकौर साहिब से विधानसभा चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन वह मूलरूप से खरड़ के रहने वाले हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती घर में ही कांग्रेस को मजबूत करना है। क्योंकि कुछ समय पहले हुए नगर काउंसिल चुनाव में विधानसभा हलका खरड़ की तीनों नगर काउंसिलों में दो पर अकाली दल का कब्जा हुआ है। इतना ही नहीं एक जगह तो भाजपा भी मजबूत होकर उभरी है। जबकि राज्य में कांग्रेस की सरकार की थी। लोग कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से भी निराश चल रहे थे। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाला समय उनके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नही।
जानकारी के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री बने चरणजीत सिंह चन्नी का राजनीतिक सफर भी खरड़ से ही शुरू हुआ था। उन्होंने सबसे पहले यहां से पार्षद का चुनाव लड़ा। इसके बाद दो बार नगर काउंसिल प्रधान तक रहे। इसके बाद राज्य की राजनीति में सक्रिय हुए और साथ ही श्री चमकौर साहिब से विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि कुछ महीनों पहले खरड़ नगर काउंसिल के चुनाव में कांग्रेस के जीते हुए उम्मीदवारों की गिनती अधिक होने के बावजूद शिरोमणि अकाली दल ने नगर परिषद के प्रधान पद् पर अपना कब्जा कर लिया है। नगर परिषद के चुनावों में मुख्य भूमिका अकाली नेेेता रणजीत सिंह गिल की रही है। जो कि आने वाले विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के एक सशक्त उम्मीदवार हैं। गिल ने खरड़ नगर परिषद के अलावा नयागांव की नगर परिषद पर भी शिरोमणि अकाली दल का प्रधान नियुक्त करने में अहम भूमिका निभाई।
दूसरी ओर कांग्रेस के अब तक समझे जाने वाले उम्मीदवार पूर्व विधायक एवं मंत्री जगमोहन सिंह कंग, जो कि पिछला चुनाव बहुत कम वोटों से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कंवर संधू से हार गए थे। हालांकि जगमोहन सिंह कंग चुनाव हारने के बाद पिछले 5 साल से खरड़, कुराली और नयागांव में पूरे तौर पर सक्रिय हैं। खरड़ शहर के विकास के लिए उन्होंने अनेक काम किए हैं। लेकिन हाल ही में हुए नगर परिषद के चुनावों में वह खरड़ के 27 वार्डो में से मात्र 10 सदस्य ही जिता पाए। नतीजतन खरड़ नगर परिषद पर कांग्रेस अपना प्रधान बनाने में सफल नहीं हो सकी। आज के हालातों पर अगर गौर किया जाए तो खरड़ सीट के लिए कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल में ही मुकाबला होने की संभावना है, लेकिन शिरोमणि अकाली दल के मुकाबले खरड़ में कांग्रेस की स्थिति थोड़ी कम आंकी जा रही है। एक नगर काउंसिल कुराली पर ही कांग्रेस का कब्जा है।
चन्नी के सीएम बनने के बाद अभी तक नहीं लगा कोई होर्डिंग
भले ही पंजाब के सबसे बड़े हलके खरड़ में रहने वाले चरनजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बन गए हैं, लेकिन खरड़ में उनके सीएम बनने का ज्यादा जश्न नहीं दिख रहा है। अधिकतर जगह पर अभी तक अकाली दल या आम आदमी पार्टी के होर्डिंग लगे हुुए हैं। वहीं, सूत्रों की मानें तो पूर्व कैबिनेट मंत्री जगमोहन सिंह कंग और चन्नी के रिश्ते ज्यादा मधुर नहीं हैं। यही वजह है कि नगर काउंसिल पर कांग्रेस कब्जा नहीं कर पाई।