पाठकों के लेख
महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार
बी के सूद मुख्य संपादक
23 अक्तूबर 2021– (#गृह_मंत्रालय_ने_बी_एस_एफ_को_दी_शक्तियां_लेकिन_गैर_भाजपा_पार्टियां_हुई_खफा) —
सीमा सुरक्षा दल हमारी सीमाओं की चौकसी के लिए तैनात किया गया है। मुख्यतः भारत की सीमा पाकिस्तान, चीन, बंगलादेश और नेपाल के साथ लगती है। इनमे दो देश यानि कि पाकिस्तान और चीन हमारे दुश्मन देश माने जाते है। जिनके खिलाफ हम युद्ध भी लड़ चुके है। वैसे म्यांमार और अफगानिस्तान को भी सीमावर्ती देश माना जाता है, परन्तु बी एस एफ की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका चीन, पाकिस्तान और,बंगलादेश की सीमा की चौकसी को लेकर है। सीमाओं की सुरक्षा, घुसपैठ की रोकथाम और ड्रग की तस्करी के विरूद्ध अभियान बी.एस.एफ के कर्तव्यों मे शामिल है। अभी तक उन्हे सीमा के 15 किलोमीटर अन्दर पुलिस की शाक्तियां प्राप्त थी। यानि की वह सीमा के 15 किलोमीटर तक किसी भी घुसपैठिये, तस्कर या दुश्मन को गिरफ्तार कर सकते थे।
गृह मंत्रालय ने तस्करी और घुसपैठियों की घुसपैठ के चलते इस सीमा को 15 किलोमीटर से बढ़ा कर 50 किलोमीटर कर दिया है। जिस पर अधिकांश गैर भाजपा पार्टियां तिलमिला रही है।इन पार्टीयों मे जिनके इस निर्णय के विरोध मे मीडिया मे ब्यान आए है उनमे कांग्रेस,आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल पार्टी शामिल है। यह पार्टियां इस निर्णय को देश के संघीय ढांचे पर हमला बता रही है। इनका कहना कि सीमा सुरक्षा दल केंद्र फोर्स है और इसका सीधा नियंत्रण केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास है। इस प्रकार केंद्रीय सरकार सीमावर्ती गैर भाजपा राज्यों को सीमा सुरक्षा बल के माध्यम से नियंत्रित करने का इरादा रखती है। मेरे विचार मे देश का यह दुर्भाग्य है कि यहां हर निर्णय पर राजनीति की जाती है। कुछ पार्टियां राजनीति करते समय देश के हित की भी अनदेखी करती चली जाती है।
मै विरोध करने वाली पार्टियों को विशेषकर देश की सबसे पुरानी पार्टी को स्मरण करवाना चाहता हूँ कि उनकी सरकार ने एन आई ए का गठन कर सारे देश मे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने, गिरफ्तार करने और विवेचना की शक्तियां एन.आई.ए को सौंप दी थी। इससे पहले आतंकवादियो के खिलाफ सारी कारवाई की जिम्मेदारी राज्यों की पुलिस के पास थी। देश हित मे नये कानून बनाने और पुराने मे संशोधन करना जहां जरूरी हो करने मे कोई हर्ज़ नहीं है। यदि एक शक्तिशाली एन आई ए के गठन से संघीय ढांचे पर हमला नहीं हुआ तो सीमा सुरक्षा बल के कार्यक्षेत्र बढ़ाने से कैसे हो गया। इसका उत्तर विरोध करने वाली पार्टियों को देना होगा।
लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार