बी के सूद चीफ एडिटर
(#आज_मंडी_लोकसभा_सहित_अर्की_जुब्बल_कोटखाई_और_फतेहपुर_विधानसभाओं_मे_प्रचार_थम_जाएगा)–
लेखक:- महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार
आज हिमाचल प्रदेश मे हो रहे चारों उपचुनावों मे चुनाव प्रचार थम जाएगा। आज शाम 6 बजे तक स्टार प्रचारकों और बाहरी नेताओं को चुनाव क्षेत्र छोड़ने होंगे । सर्वविदित है कि 30 अक्तूबर को मतदान और 2 नवम्बर को परिणाम घोषित होंगे। इन चुनावों मे कौन जीत रहा है कहना बहुत मुश्किल है। मीडिया या दोस्तों से प्राप्त जानकारियों के आधार पर यही कहा जा सकता है कि चारों उपचुनावों मे कांटे की टक्कर होगी। इस चुनाव प्रचार मे भाजपा की कमान सही मायनों मे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के हाथ मे रही। इन चुनावों मे मुख्यमंत्री जी ने अपनी अनथक स्टार प्रचारक की छवि बनाने मे सफलता प्राप्त की है। भाजपा ने पुरी तरह से मुख्यमंत्री जी की लोकप्रियता पर भरोसा जताया है। मुख्य विरोधी पार्टी ने भी अपने प्रदेश के नेताओं को ही चुनाव प्रचार मे लगाया था। केवल आनंद शर्मा जो कि राज्यसभा मे पार्टी के उप नेता है या कैन्हया कुमार ने जरूर प्रचार मे हिस्सा लिया है। कांग्रेस को वीरभद्र सिंह जी की गैर मौजूदगी जरूर खली होगी। दोनों ही पार्टीयां चुनाव मे सेल्फ गोल करती भी नजर आई। जहां मंडी लोकसभा की पर प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने कारगिल युद्ध को युद्ध न मानते हुए झड़प की संज्ञा देकर भाजपा को बड़ा मुद्दा थमा दिया वहीं भाजपा के एक चुने हुए प्रतिनिधि ने प्रतिभा सिंह को यह कह कि हमारे यहाँ तो महिलाएं पति के निधन के बाद एक वर्ष तक मातम मे घर से नहीं निकलती और आप चुनाव लड़ रही है, कांग्रेस को महिलाओं की भावनाओं को जागृत करने का हथियार सौंप दिया था। इन दोनों मुद्दों का चुनाव परिणाम पर कितना असर हुआ या नहीं इसका आंकलन चुनाव परिणाम आने के बाद ही सम्भव है।
खैर यह चुनाव पुरी फिल्म आने से पहले का ट्रेलर है। दोनों प्रमुख पार्टियों को चुनाव प्रचार मोड मे ही रहना होगा क्योकिं सामने 2022 के विधानसभा चुनाव है। इन उपचुनावों मे जुब्बल कोटखाई और फतेहपुर मे आजाद उम्मीदवारों ने लड़ाई को तिकोनिया बना कर उपलब्धि प्राप्त की है, परन्तु फिर भी दोनों ही मुख्य पार्टियों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। इन चुनावों के परिणाम 2022 के चुनावों की दिशा और दशा बता देंगे क्योंकि 20 विधानसभा क्षेत्रों का पारदर्शी सर्वे आपके सामने होगा। इस लिए इन चुनावों को सेमीफाइनल कहा जा रहा है। खैर आज के चुनाव प्रचार की समाप्ति के साथ नोक झोंक और मन मुटाव भी समाप्त हो जाना चाहिए। सभी उम्मीदवार शाम 6 बजे तक अपनी-अपनी बात मतदाताओं को कह चुके होंगे और वोट के लिए अपने-अपने ढंग से अपील भी कर चुके होंगे। अब वोट देने का फैसला मतदाताओं के विवेक पर निर्भर करता है। कुछ ऐसे मुद्दे भी मतदाताओं के बीच मे चल रहे होते है जो ऊपरी स्तर पर सुनाई और दिखाई नहीं देते है। इसलिए परिणामों का अनुमान लगाने से बेहतर है दो नवम्बर का इंतजार करना है।