पालमपुर में भाजपा की हार पर मचा है घमासान
भाजपाइयों द्वारा हार का ठीकरा एक-दूसरे के सिर पर मढ़ने की कोशिश
पालमपुर में कांग्रेस का जादू बरकरार रहा है और नगर निगम देकर भी भाजपा कांग्रेस के किले को नहीं भेद पाई। बुधवार देर शाम जैसे-जैसे चुनाव परिणाम सामने आने लगे कांग्रेसियों के चेहरे पर मुस्कान बढ़ती गई और भाजपा खेमे में मायूसी छा गई। भाजपा को उम्मीद थी कि नगर निगम पर कब्जा करके कांग्रेस के लंबे समय से चले आ रहे वर्चस्व को कुछ कम करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और नगर निगम में 11 सीटों पर जीत दर्ज कर कांग्रेस ने पालमपुर में अपना ताज कायम रखा। कांग्रेस के इस बंपर जीत का श्रेय यहां के लोकप्रिय विधायक आशीष बुटेल को जाता है तो वहीं भाजपा के रणनीतिकारों द्वारा गलत टिकट आवंटन को भी इसका जिम्मेवार माना जा रहा है। खांग्रेस के 12 बागियों ने अपनी दावेदारी और चुनाव लड़ा और उनमें से एक जीत कर भी आ गया।
इतना ही नहीं, एक वार्ड से जीत कर आए आजाद उम्मीदवार की आस्थाएं भी कांग्रेस खासकर विधायक से जुड़ी हुई हैं।
ऐसे में कांग्रेस एक दर्जन सीटों पर अपना दावा जता सकती है। विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद अब नगर निगम का तोहफा दिए जाने के बावजूद भाजपा का खराब प्रदर्शन पालमपुर में भाजपा नेताओं के लिए खतरे की घंटी माना जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार द्वारा भाजपा के बागियों को वोट न करने की अपील के बावजूद एक वार्ड से भाजपा का बागी उम्मीदवार जीत हासिल करने में सफल रहा और यहां पर चर्चा में रहा भाजपा के एक नेता का वायरल ऑडियो भी नुकसान पहुंचा गया। भाजपा के लिए चिंता का विषय यह भी है कि मैदान में उतरे सभी पुरुष उम्मीदवार हार गए और सिर्फ दो महिला प्रत्याशियों ने भाजपा की लाज बचाने का काम किया, वहीं चुनावों से पूर्व भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए एक महिला और एक पुरुष उम्मीदवार जीत हासिल करने में सफल रहे और भाजपा के टिकट आबंटन पर भी सवाल खड़ा कर गए।
कल भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार द्वारा वार्ड नंबर 4 आईमा में अपना वोट डालते हुए लोगों से यह अपील करना कि वे बागियों का साथ ना दे उन्हें वोट ना करें भी चर्चा का विषय बन गया है और बागियों द्वारा यह कहा जा रहा है कि अगर शांता कुमार जी ने यह अपील 2017 में की होती तो आज पालमपुर की सीट पर भाजपा का विधायक होता है।