ब्रह्मकुमारी शिवानी ने कहा…जीवन एक बहती नदी है जिसमें कई मोड़ आएंगे इसलिए धैर्य कदापि नहीं खोना है और हिम्मत और सूझबूझ से संघर्ष करके जीतना है, समय चाहे अच्छा हो या बुरा, वह हर हाल में गुज़र जाएगा क्योंकि वक्त परिवर्तनशील है…
आपको यह याद रखना है कि हम अपने मन के मालिक हैं...जो शांत मन बोले वह करना है
विश्वविख्यात ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी के शुभागमन पर रोटरी भवन पालमपुर में एक भव्य धार्मिक आयोजन किया गया। उन्हें कई संस्थाओं व महानुभावों द्वारा सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री बीबीएल बुटेल की धर्मपत्नी श्रीमती वीना बुटेल, कैबिनेट मिनिस्टर श्री गोकुल बुटेल के पूज्य माता-पिता श्रीमती रचिता बुटेल व श्री दिनेश बुटेल तथा प्रसिद्ध गायनीकोलोगिस्ट डॉ. सुषमा सूद विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होने शिवानी दीदी को स्टेज पर सम्मानित भी किया।
दिनेश बुटेल जी ने शिवानी दीदी के साथ कुछ वार्तालाप भी किया तथा अपने सुविचार भी प्रकट किए।
सिस्टर शिवानी को देखने, उनकी मधुर आवाज सुनने, उनके सुविचारों को ग्रहण करने हेतु भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा।
लोगों को बैठने के लिए स्थान कम पड़ गया। मौसम खराब होने के बावजूद लोगों के जोश में कोई कमी नहीं थी। लीग बेसब्री से शिवानी दीदी कि एक झलक पाने को तरस रहे थे।
कार्यक्रम बहुत सुनियोजित और अनुशासन में बंधा हुआ था जिसकी सबने मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
शिवानी दीदी ने अपनी मधुर आवाज में सुविचार प्रकट करते हुए कहा…
जीवन एक बहती नदी है जिसमें कई मोड़ आएंगे इसलिए धैर्य कदापि नहीं खोना है, जीवनरूपी जंग के मैदान में बहादुरी से अड़े रहकर जीतना है…
शिवानी दीदी ने कहा कि कभी भी कैसी भी परिस्थिति हो, अपना धैर्य न खोये, क्योंकि बुरा समय आज है। वह एक दिन चला जाएगा, क्योंकि समय कभी किसी का ठहरता नहीं, अच्छा हो या बुरा वह बीत ही जाता है । अच्छी में बदल सकते हो समय को संयम से। सब कुछ चलायमान ही, परिवर्तनशील है, नाशवान है। Nothing is PERMANENT….
शिवानी दीदी/BK Shivani Didi को अक्सर लोग परमपिता “शिव की वाणी” कहकर भी संबोधित करते हैं।
शिवानी दीदी संसार के हर कोने में जाकर शिव बाबा के शब्दों को अपनी वाणी में पिरो कर समस्त प्राणियों को संतुलित जीवन का रास्ता दिखा रही हैं। इनकी विचारों तथा इनके कक्षाओं को सुनने के बाद मन में अत्यंत शांति की अनुभूति मिलती है।शिवानी दीदी के कुछ विचारों एवं प्रवचनों को आपके सामने प्रस्तुत करेंगे जो उन्होंने पालमपुर में प्रस्तुत कार्यक्रम में दिए।
यह अपेक्षित है कि जिस प्रकार इन विचारों ने लाखों लोगों का जीवन बदल दिया उसी प्रकार आपके जीवन को भी प्रभावित करेंगे।
ब्रह्कुमारी शिवानी जी ने अपने सुविचारों में कहा कि…..
हर व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं।
कई बार इंसान बुरी परिस्थितियां आने पर बिल्कुल ही टूट जाता है, और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कैसी भी परिस्थिति हो पर अपने धैर्य नहीं खोते। इसलिए कभी भी कैसी भी परिस्थिति हो तो अपना धैर्य न खोये, क्योंकि बुरा समय आज है। वह एक दिन चला जाएगा, क्योंकि समय कभी किसी का ठहरता नहीं अच्छा हो या बुरा वह बीत ही जाता है। जीवन के मैदान में तटस्थता से अड़े रहो , खड़े रहो जब तक जीत मिल न जाए।
परिस्थिति कोई भी हो, कैसी भी हो। हमें यह जांचना होगा कि परिस्थिति ज्यादा शक्तिशाली है या मेरे मन की स्थिति । इसलिए हर परिस्थिति में सोच समझकर शांत मन से काम करना चाहिए। जब हमारा मन मजबूत होगा तो हम किसी भा परिस्थिति को काबू कर कामयाब हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आपको यह याद रखना है कि हम अपने मन के मालिक हैं। बाहरी आवरण और परिस्थिति के हिसाब से खुद को नहीं ढालना चाहिए, जो शांत मन बोले वह करना है। किसी आवेश में आकर या किसी की बात को सुनकर, चाहिए।
आध्यात्मिक मार्गदशक ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने कहा कि आपसी झगड़ा करके कोई निर्णय नहीं होता। कोई सही रास्ता नहीं निकलता। जो व्यक्ति तानाशाही से निर्णय लेता है उसका अंत अवश्यमेव भयावह होता है। अपने हठ के कारण वह मनमाना व्यवहार करने वाला व्यक्ति अंत में वह बिल्कुल रह जाता है, कोई उसका साथ नहीं देता क्योंकि सब कुछ परिवर्तनशील है, समाप्त होने वाला है, नाशवान है लेकिन कोई इस कठोर सत्य को मानना नहीं चाहता।
शिवानी सिस्टर शिक्षिका व गुरु के मार्गदर्शक विचारों से प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन की राह को सुगम बना सकते हैं।
ब्रह्मकुमारी बीके शिवानी वर्मा (BK Shivani didi) को लोग ब्रह्म कुमारी शिवानी दीदी (sister shivani) कहकर संबोधित करते हैं।
वर्ष 1995 से शिवानी वर्मा आध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में शिक्षिका के रूप में कार्यरत है।
शिवानी दीदी को उनके लोकप्रिय प्रोग्राम Awakening with Brahma Kumari के माध्यम से जानते हैं। यह प्रवचन आस्था टीवी चैनल द्वारा प्रसारित किया जाता था। यह प्रोग्राम 2008 में ही शुरू किया था।
मानव जीवन का क्या उद्देश्य है, इसका क्या रहस्य है, इसका क्या मकसद है , इसके सूक्ष्म व संवेदनशील तथ्यों को समझना आम आदमी के बस की बात नहीं है। इसी वजह से हम छोटी-छोटी बातों को समझ नहीं पाते हैं और व्यर्थ में दुखी होते रहते है और तनावग्रस्त रहते हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर इनकी संस्था (आध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय) लोगो को सामान्य जीवन के साथ-साथ अध्यामिक जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान करती है।
शिवानी दीदी के प्रवचन बहुत ही प्रेरणादायी होते है।
वह बताती हैं कि हम कैसे गृहस्थ और अध्यात्म जीवन के बीच तालमेल रख सकते है और एक सुखी और तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं। समाज में शिवानी दीदी की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।
शिवानी जी एक सामान्य परिवार से है इनका जन्म सन् 31 मई 1972 में महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ था। ये बचपन से ही पढ़ाई मे काफी अच्छी थी। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की।
इनके परिवार का वातावरण धार्मिक प्रवृत्ति का रहा है उनके माता पिता की इच्छा थी कि शिवानी भी अध्यात्म में ध्यान दे परन्तु इनका मन कभी भी अध्यात्मिक बातों में नहीं लगता था।
कुमारी विश्वविद्यालय में प्रवचन व उपदेश सुनने ले जाया करते थे इसी दौरान इनके अवचेतन मन का झुकाव अध्यात्म की ओर हो गया और धीरे-धीरे वह पूरी तरह अध्यात्म के महत्व को समझ गई।
ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी की शिक्षा व कैरियर
सन 1994 में बीके शिवानी ने पुणे विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से बीटेक किया इसी कॉलेज में शिवानी दीदी को इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा गोल्ड मेडल पुरस्कार दिया गया। इसके बाद इन्होंने 2 साल भारतीय विद्यापीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में लेक्चरर के पद पर कार्य किया। इसके अलावा शिवानी वर्मा Organ Donation को भी बढ़ावा देती है और Delhi Islamic Cultural Centre में Parenting Program में Happiness Unlimited भी करती है। उनकी टीवी सीरीज Happiness Unlimited को उसी नाम से Best Seller Book में बदल दिया गया है। इसके अलावा शिवानी दीदी के पास बीके शिवानी नाम का Youtube चैनल भी है। जिसमे 30 लाख से ज्यादा subscriber है।
ब्रह्मकुमारी शिवानी ने अपने अध्यात्मिक विचारों का प्रकाश पूरे विश्व में फैलाया है।
व्यक्तिगत रुप से वह भारत के अलावा, यूके, अमेरिका, एशिया, अफ्रीका के विभिन्न देशों की यात्रा यात्रा कर चुकी है। शिवानी दीदी ने कई टीवी शों, सार्वजनिक वार्ताओं, कार्यक्रमों, सेमिनारों के माध्यम से अपने अध्यात्मिक ज्ञान को बांटा है।
मनुष्य ऐसा सोचता है कि वह भगवान को याद कर रहा है तो भगवान उसका कार्य कर देंगे परंतु ऐसा नहीं है भगवान को याद करके मनुष्य कोई काम करता हैं तो भगवान उस मनुष्य को शक्ति प्रदान करते हैं जिससे असंभव कार्य भी संभव हो जाता है।
किसी भी मनुष्य को दिया हुआ प्रेम या खशी लौटकर किसी न किसी रूप में हमारे पास आती है और संयोग से हम सामने वाले मनुष्य से ऐसी आशा भी रखते हैं।
इंग्लिश में कहावत है Unity In Diversity यही कहावत हिंदी में भी है एकता में शक्ति होती है इसका मतलब यही है कि जब तक इंसान ‘मै’ को ‘हम’ मे नहीं बदलता तब तक उसके कार्य अटके ही रहते है। ‘मैं’ को ‘हम’ में बदलने के बाद कमजोरी ही इंसान की शक्ति बन जाती है।
जीवन में अगर मनुष्य की सोच ऊपर ऊंची उड़ान भरना है तो उसे उड़ती पंछियों से कुछ सीखना चाहिए जो सब कुछ भूलकर केवल अपनी उड़ान को भरती है और ख़ुश होती है। इसी प्रकार मनुष्य के पास भी क्षमता है कि को समूह में सद्भावना के साथ उड़ान भर सकता है और अपने आपको ख़ुश कर सकता है।
यदि मनुष्य अपनी आत्मा पर व्यर्थ की बातें और संकल्पों का बोझ रख कर चलेगा तो बहुत जल्दी थक जाएगा।
एक साधारण व्यक्ति सदैव वास्तविकता से दूर भागने की कोशिश करता है और जो वास्तविक नहीं है अर्थात जो काल्पनिक है जिसका कोई अस्तित्व नहीं उसे पाने की कोशिश करता है और इसी अस्तित्व विहीन काल्पनिक लक्ष्य को प्राप्त करने में उसके हाथ कुछ नहीं लगता। यही लोगों के जीवन भ्रांतियों का प्रमुख कारण है जिनमें वे आजीवन उलझे रहते हैं। इसीलिए आध्यात्म को जानने और समझने की जरूरत है क्योंकि यह आपको वास्तविकता से भेंट कराती है।
जीवन के प्रत्येक उपलब्धि में सकारात्मक विचारों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है यह सकारात्मक विचार ऊर्जा के स्रोत होते हैं। मस्तिष्क में नकारात्मक विचारों की उत्पत्ति व्यक्ति को पतन की ओर अग्रसर करती है।
उनका कहना है कि कभी भी अपनी आकांक्षाओं को बंधन में नहीं भागना चाहिए आप कितनी दूर तक सकते हैं उतनी ही दूर तक पहुंचने की क्षमता भी रखते हैं।
एक स्वस्थ मनुष्य के ऊपर ईश्वर का सबसे बड़ा उपकार होता है। ईश्वर ने उसे जीवन यापन के लिए सभी क्षमताएं दी हैं लेकिन जब वह व्यक्ति हतोत्साहित होता है तो जीवन के प्रति उसके सारे संघर्ष फीके पड़ने लगते हैं।
आप भाग्यशाली हैं कि ईश्वर ने आपको सभी क्षमताएं दी है जरा उनके बारे में सोचिए जिनके पास शारीरिक क्षमता में नहीं है लेकिन फिर भी वह अपने जीवन के साथ संघर्ष करते हैं और इसका प्रत्येक क्षण सार्थक बनाने में व्यय कर देते हैं।
ब्रह्माकुमारी शिवानी जी ने अपने प्रवचनों में बताया कि हमें अपने मूल अस्तित्व को समझने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि जिस दिन हमने अपने मूल अस्तित्व को समझ लिया हम अपनी महाशक्ति से परिचित हो जाएंगे फिर हमारे लिए कोई भी सांसारिक बाधा अड़चन नहीं डाल सकती।
विधिवत रूप से प्रशाद वितरण के साथ इस यह अत्यन्त सफल आयोजन का समापन हुआ। तत्पश्चात शिवानी दीदी ने ब्रह्मकुमारीज आश्रम, पुंन्नर आश्रम व अन्य स्थानों पर भी कृपा फ़रमाई।