मदर्स टच स्कूल पालमपुर की प्रिंसीपल श्रीमती ब्रिंदुला करोल किसी परिचय की मोहताज़ नहीं। वह शिक्षा के क्षेत्र से इस तरह जुड़ी हैं जैसे शरीर के साथ आत्मा।
अल्पकाल में ही उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र को उस ऊंचाई तक पहुंचा दिया जहां पहुंचने में किसी भी व्यक्ति को बरसों लग जाते हैं, फिर भी उन्हें मनचाहा मुकाम नहीं मिल पाता।
शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व कुर्बान कर डाला, केवल यही सोच कर कि नन्हे-मुन्ने बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके।
वैसे तो शिक्षण संस्थान अनेक हैं लेकिन जो बात मदर्स टच में है वह विरले ही स्चुलों में देखने को मिलती है।
यहां बच्चों को घर जैसा वातावरण व उच्च क्वालिटी की शिक्षा उपलब्ध करवाई जाती है और यही विशेषता उन्हें अन्य स्कूलों से पृथक करती है।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती करोल ने पहले मारंडा के समीप देहन पुन्नर जैसे ग्रामीण क्षेत्र में आधारशिला स्कूल की नींव को थोड़े से समय में ही सुदृढ करके उसे उन्नति के शिखर पर पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
अल्पकाल में ही उन्होंने आधारशिला स्कूल को सफलता के उस मुकाम पर पहुंचा दिया जहां पहुंचने में किसी भी संस्थान को सालों लग जाते हैं।
तत्पश्चात उन्होंने मदर्स टच स्कूल मि नींव रखी, जल्द ही उसे भी सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाने में सफलता हासिल की। उनके इस कार्य में उनके पति श्री करोल भी पूरा सहयोग देते हैं।
शिक्षा के साथ उनका यह अटूट संबंध उनके महान व्यक्तित्व को परिभाषित करता है।
आज हमारे समाज को ऐसे ही कर्तव्यनिष्ठ शिक्षाविदों की आवश्यकता है ताकि हमारी भावी पीढ़ी अपने भविष्य को उज्ज्वल बना कर देश को आगे बढ़ा सकें।
आज मदर्स टच स्कूल की पालमपुर में अपनी अलग ही पहचान है। आज हर कोई अपने नन्हे-मुन्नों को इसी स्कूल में एडमिशन दिलवाने की तमन्ना रखता है।
आपको बता दें कि कोविड काल में भी उन्होंने धैर्य का परिचय देते हुए बच्चों व उनके अभिभावकों के साथ अत्यन्त सहयोगपूर्ण व मधुर संबंध कायम रखे। बच्चों की फीस तक माफ कर दी।
अभी हाल ही में उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन व निस्वार्थ सेवा करने हेतु पुरस्कृत भी किया गया है।
Himachal Reporter Media Group श्रीमती ब्रिंदुला करोल की दीर्घायु व बेहतर स्वास्थ्य की कामना करता है ताकि शिक्षा के क्षेत्र को और अधिक आयाम मिल सकें।