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कविता

जी भर के जी ले प्यारे जितनी बची है खाते में, फिर न कहना *मुझे पता ही नहीं चला*

*पता ही नहीं चला* अरे यारों कब 30+, 40+, 50+, 60+ के हो गये *पता ही नहीं चला*। कैसे कटा 21 से 31,41, 51 और 61 तक का सफ़र *पता ही नहीं चला*! क्या पाया क्या खोया क्यों खोया *पता ही नहीं चला* बीता बचपन गई जवानी कब आया बुढ़ापा *पता ही…
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“आजकल की राजनीति देख कर मन मेरा घबराता है” Dr. Poonam Sharma की प्रासंगिक रचना

Written by : Dr. Poonam Sharma, PALAMPUR आजकल की राजनीति देख कर मन मेरा घबराता है, लोकतंत्र की धज्जियां उड़ती देख, विश्वास डगमगाता है। राजनेताओं के भाषणों में दिखती सत्ता की लो लुप्त, देश हित और जनहित की बातें छोड़, एक-दूसरे…
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पत्थरों के शहर में

पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है...! आजकल हवा के लिए रोशनदान कौन रखता है...!! अपने घर की कलह से फुरसत मिले तो सुने..! आजकल पराई दीवार पर कान कौन रखता है...!! खुद ही पंख लगाकर उड़ा देते हैं चिड़ियों को..! आज कल परिंदों…
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फौजी : प्रख्यात कवयित्री सुरेश लता अवस्थी की मार्मिक रचना, भावविभोर हो जाएंगे आप फौजी और उसके परिवार…

SURESH LATA AWASTHI CHOWKI, PALAMPUR Mob : 82787 39443 फौजी कब क्या हो, कौन जाने संगीनों के साए में, बारूद के ढेर पर, सरहद पे खड़ा सीना ताने, खड़ा है फौजी घर से दूर, मिलने से मजबूर, हृदय वेदना कौन…
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मशहूर लेखिका श्रीमती सुरेश लता अवस्थी के “होली के रंग” आपके लिये

होली के रंग SURESH LATA AWASTHI CHOWKI, KHALET, PALAMPUR Mob : 82787 39443 समय वह हाल बेहाल था, जब होली का त्यौहार था, न कोई खुश उस बार था, कोरोना का जो हाहाकार था, आंसुओं के साथ होली मनाई थी, कोरोना ने तबाही जो मचाई थी। पर आज…
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प्रख्यात लेखिका श्रीमती सुरेश लता अवस्थी की “आवाज़”

मंच को प्रणाम आवाज सच्चे दिल की आवाज भगवान सुनते हैँ जरूर, औऱ भक्तों को बचाने पहुँच जाते हैँ दूर दूर. भक्त प्रेहलाद को पिता ने पर्वत से गिराया था, उसकी आवाज सुनी तो आके उसे बचाया था सच्चे दिल....... सरोवर मैं गज ज़ब मौत के…
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अंतर्मन को झकझोरती प्रख्यात लेखिका श्रीमती सुरेश लता अवस्थी की अनूठी रचना- “मैं भारत माता…

SURESH LATA AWASTHI CHOWKI, PALAMPUR Mob : 82787 39443 "मैं भारत माता आहत हूं" 1-मैं आज यहां पर आई हूँ मैं आप की अपनी माई हूँ मैं सुखदुख करना चाहती हूँ एहसास सुनाना चाहती हूँ मैं भारत माता आहत हूँ। 2- नेताओं के झूठे वादों से…
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