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कविता
डॉ सत्येन्द्र शर्मा रचित “जग से प्यारा जग से न्यारा । ऊंचा रहे तिरंगा प्यारा ।”
स्वाधीनता दिवस चौपाई
हर घर मेें झंडा लहराता ।
तीन रंग का सबको भाता ।।
झंडा अनुपम सुन्दर न्यारा ।
हमको है प्राणों से प्यारा ।।
पराधीन है पानी खारा ।
सारा जीवन इससे हारा ।।
पराधीनता अति दुखदाई।
इसमें सारी पीड़ समाई ।।…
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डॉ सत्येन्द्र शर्मा का “यह कैसा सावन आया”
सावन कैसा आया
सावन कैसा आया भाई ,
यह कैसा सावन आया ।
दैत्य झूमते हैँ मस्ती में,
यमदूतों का है साया ।
झूले कहां बहे बाढ़ों मेें,
क्या शहरों क्या गांवों में ।
सड़कें कहां धुल गयीं अब सब ,
लोग तैरते नावों में ।।
भाग रहे हैँ तैर रहे…
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डॉ सत्येन्द्र शर्मा की “साथ यही जाएगी गठरी”, “सावन कैसा आया”, “कर्म ही…
सावन कैसा आया
लावणी छंद
सावन कैसा आया भाई ,
यह कैसा सावन आया ।
दैत्य झूमते हैँ मस्ती में,
यमदूतों का है साया ।
झूले कहां बहे बाढ़ों मेें,
क्या शहरों क्या गांवों में ।
सड़कें कहां धुल गयीं अब सब ,
लोग तैरते नावों में…
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जाने कहाँ गए वो दिन…..
*खो गईं वो चिठ्ठियाँ जिसमें “लिखने के सलीके” छुपे होते थे, “कुशलता” की कामना से शुरू होते थे। बडों के “चरण स्पर्श” पर खत्म होते थे...!!*
*“और बीच में लिखी होती थी “जिंदगी”*
*नन्हें के आने की “खबर”*
*“माँ” की तबियत का दर्द*
*और पैसे…
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भंडाफोड़! *पूछो कितने में बिके ये गद्दार – राजा और रानी हैं इनके सरदार* के पोस्टर पालमपुर में…
RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief, HR MEDIA GROUP, 9418130904, 8988539600
आज पालमपुर व आसपास के क्षेत्रों में, कोने-कोने में हिमाचल प्रदेश सरकार के 6 कथित गद्दार नेताओं के बारे में फ़ोटो सहित लगे अनगिनत पोस्टरों में उनके बारे में…
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श्री अयोध्या में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में लगभग 300 प्रतिष्ठित कवियों ने किया भगवान…
प्रसिद्ध शिक्षाविद, लेखिका एवम कवयित्री, पालमपुर श्रीमती कमलेश सूद से प्राप्त जानकारी के अनुसार राम जन्मभूमि श्री अयोध्या में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में लगभग 300 प्रतिष्ठित कवियों ने शिरकत की।…
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कहां सुनते थे जब जनाब जवान थे…कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
कहां सुनते थे जब जनाब जवान थे,
हम ठहरे अनपढ़ और अनजान थे।
हम तो पहाड़ की पगडंडियां चढ़ते थे,
वो मोटर वाले मजाक हमारा करते थे।
फिर हम भी चलने लगे अपने पांव पर,
कभी नहीं छिड़का नमक उनके घावों पर।
थे अकेले पर पीछे हमारे लाईन बनती…
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कम्बख्त गिड़गिड़ाता चला गया : कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
कम्बंख्त गिड़गिड़ाता चला गया,
वह चलता चलता हमें बता गया,
वह मूर्खता का परिचय करा गया,
बिन बिचारे सब कुछ तो बता गया।
कामवाली को घरवाली बता गया,
घरवाली को झाड़ू वाली बना गया,
ले बोतल हाथ में वह लहरा चला
पता नहीं जीते जी क्यों मरा…
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सुहागणा रा तयहार है करवाचौथ : कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
करवाचौथ
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सुहागणा रा तयहार है करवाचौथ,
मै बी मनाया था हर साल बहौत ,
देखदी थी छानणिया च मुंह तिनारा,
कारगला बाद नी दिसया मुंह इनारा।
करवाचौथ तां अज बी मैं रखया है,
पर तिना रा फोटो सामणे रखया है,
छानणिया चंद ई दिसणा अज…
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छोटी सी जिंदगी है ; हंस कर जीना सीखिए, छोड़ो गिले शिकवे ,कड़वे घूंट पीना सीखिए।
छोटी सी जिंदगी है ; हंस कर जीना सीखिए,
छोड़ो गिले शिकवे ,कड़वे घूंट पीना सीखिए।
हो सके तो बस ;इतनी सी मदद कर देना ,
कोई गिरा मिले ,उठा कर खड़ा कर देना।
कब कौन और कहां पर ;पराधीन हो जाए,
दुआ कर देना वहां, कोई और न हो जाए।
बस दो…
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