28 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दिए जाने की घोषणा के बाद अब सरकारी कर्मियों के हाउस रेंट अलाउंस यानी ‘एचआरए’ में भी इजाफा हो सकता है। महंगाई भत्ते की दरों में बढ़ोतरी के साथ ही एचआरए में वृद्धि होने का नियम है।
मौजूदा समय में ‘एक्स’ श्रेणी वाले शहरों में जिन कर्मियों की पोस्टिंग है, उन्हें अपने मूल वेतन का 24 फीसदी एचआरए मिलता है। ‘वाई’ श्रेणी वालों को 16 फीसदी और ‘जेड’ श्रेणी वाले शहरों में कार्यरत स्टाफ को 8 फीसदी एचआरए दिया जाता है। डीए बढ़ने के बाद अब इन तीन श्रेणियों वाली जगहों पर कार्यरत कर्मियों का एचआरए बढ़ाया जा सकता है। बढ़ोतरी के बाद ‘एचआरए’ की नई दरें 27 फीसदी (एक्स सिटी), 18 फीसदी (वाई सिटी) और नौ फीसदी (जेड सिटी) हो जाएंगी।
वित्त मंत्रालय का नियम है कि महंगाई भत्ता बढ़ने के साथ ही एचआरए में वृद्धि होती है। जब महंगाई भत्ते की दर 25 फीसदी से ऊपर चली जाएगी तो हाउस रेंट अलाउंस नौ फीसदी, 18 फीसदी और 27 फीसदी होगा। अगर महंगाई भत्ते की दर 50 फीसदी से ऊपर चली जाती है तो एचआरए में 10, 20 और 30 फीसदी के हिसाब से बढ़ोतरी की जाएगी। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद 28 फीसदी की दर से डीए देने की घोषणा हुई है।
डीए की बढ़ोतरी दर 25 फीसदी से ऊपर है, लेकिन 50 फीसदी से नीचे है, इसलिए यहां पर कर्मियों को एचआरए 25 फीसदी वाले नियम के हिसाब से मिलेगा। यानी एक्स श्रेणी वाले शहरों में रह रहे कर्मियों को 27 फीसदी, वाई श्रेणी वाले शहरों के लिए 18 फीसदी और जेड श्रेणी में शामिल शहरों में रहने वाले कर्मियों को 9 फीसदी दर से एचआरए मिलेगा।
दिल्ली, एक्स क्लास शहरों की सूची में शामिल है। साल 2017 में वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी ‘ओएम’ में इस बाबत एक विशेष आदेश जारी किया गया था। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के कर्मी जो फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम में कार्यरत हैं, उन्हें भी ‘एक्स’ श्रेणी के तहत एचआरए मिलेगा। इसी तरह जालंधर वाई श्रेणी में आता है। जालंधर कैंट, शिलांग, गोवा व पोर्ट ब्लेयर को भी वाई श्रेणी में शामिल किया गया है। चंडीगढ़ वाई श्रेणी में आता है, इसलिए उसके साथ लगते पंचकुला और एसएएस नगर यानी मोहाली में कार्यरत केंद्रीय कर्मियों को वाई श्रेणी के तहत ही एचआरए मिलेगा। इस सूची में कई अन्य शहर भी शामिल हैं।
एचआरए को लेकर आर्मी पर्सनल और रेलवे कर्मियों के लिए संबंधित मंत्रालय यानी रक्षा मंत्रालय और रेलवे मंत्रालय आदेश जारी करते हैं। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के अनुसार, एचआरए देने के लिए कर्मी के मूल वेतन यानी ‘बेसिक पे’ को ही आधार बनाया जाता है। पे मेट्रिक्स के हिसाब से कर्मी को जितना मूल वेतन मिलता है, उसी पर एचआरए मिलता है। खास बात ये है कि मूल वेतन में नॉन प्रेक्टिसिंग अलाउंस, मिलिट्री सर्विस पे और दूसरी तरह के वेतन भत्ते जैसे ‘स्पेशल पे’ आदि शामिल नहीं किया जाते। एचआरए केवल ‘बेसिक पे’ के अनुसार ही मिलता है।