मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार: K.G. BUTAIL के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय महिला आयोग के बाद मामला अब अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में भी हुआ दर्ज, केजी बुटेल के ख़िलाफ़ बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के सख्त कार्रवाई की मांग उठी
महिला की यशस्वी मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार: K.G. BUTAIL के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय महिला आयोग के बाद मामला अब अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में भी हुआ दर्ज, केजी बुटेल के ख़िलाफ़ बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के सख्त कार्रवाई की मांग उठी
पालमपुर की एक उच्च शिक्षित एवम प्रतिष्ठित महिला ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू त्वरित न्याय की गुहार लगाई है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए आगे आकर के.जी. बुटेल जैसे महिला विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए सराहना की जा रही है, और उनसे उम्मीद है कि वह इस मामले में न्यायसंगत और निर्णायक हस्तक्षेप करेंगे।
पालमपुर की इस महिला ने केजी बुटेल (K.G. BUTAIL) के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई है।
उन्होंने बुटेल पर लैंगिक भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, शक्ति के दुरुपयोग, चेयरमैन पद की आड़ में निजी रंजिश निकालने, मौलिक अधिकारों पर प्रहार करने और उनके आत्मसम्मान को नुकसान पहुंचाने व मानसिक शांति भंग करने का आरोप लगाया है।
महिला ने शिकायत में बताया कि K.G. Butail ने उनके प्रति अपमानजनक और धमकी भरे शब्दों का प्रयोग किया, जिससे उनके आत्मसम्मान को गहरी ठेस पहुंची। यह शिकायत महिला सम्मान और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण आवाज उठाती है, जिसने इस मामले में समाज के भीतर जवाबदेही और सुरक्षा के प्रति चिंता पैदा कर दी है।
महिला ने कहा कि उन्हें गवर्निंग बॉडी के सदस्यों और सीनियर वाइस चेयरमैन से कोई सहयोग नहीं मिला। शिकायत के बाद भी, किसी ने लिखित रूप से उनका समर्थन नहीं किया। अंततः उन्हें नेशनल कमीशन फॉर वुमन (NCW) व NHRC में शिकायत दर्ज करनी पड़ी। NCW ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता को सलाह दी है कि वे K.G. बुटेल के खिलाफ आपराधिक मामला (CIVIL SUIT) दर्ज करें, क्योंकि यह मामला केवल एक नागरिक विवाद तक सीमित नहीं है बल्कि इससे कहीं अधिक गंभीर और जघन्य है।
महिला ने बताया कि उन्होंने न्याय के लिए अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किए, लेकिन उनके साथ हुए इस अन्याय पर कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति सामने नहीं आया।
उन्होंने बताया, “मैंने 50 दिनों तक इंतजार किया और कई बार फोन भी किया, लेकिन महान समाजसेवी कहलाए जाने वाले तथाकथित किसी भी ओहदेदार ने जवाब देने की न तो आवश्यकता समझी और न ही केजी के ख़िलाफ़ बोलने की हिम्मत जुटा पाए। इससे फाउंडेशन में उनकी हैसियत व रूतबे का पता चलता है।
महिला ने जोर देकर कहा कि अब मैं न्याय पाने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए मजबूर हूँ।” उन्होंने कहा कि K.G. बुटेल जैसे कथित तानाशाहों के खिलाफ आवाज उठाना बहुत जरूरी है ताकि समाज में महिलाओं का आत्मसम्मान और सुरक्षा बनी रहे।
अब यह मामला न्याय और K.G. बुटेल के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के समक्ष भी उठाया गया है। पीड़िता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अपील की है कि वे इस मामले की गंभीरता को देखते हुए न्याय की प्रक्रिया को तेज करें और K.G. बुटेल के खिलाफ आवश्यक कदम उठाएं।
उनके इस कदम से उन्हें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा और सच्चाई सामने आएगी, जिससे महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए एक मजबूत संदेश जाएगा।