बधाई : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने किया एक और किला फतेह…राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को दी मंजूरी,सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिव प्रताप शुक्ला के बीच तनातनी खत्म
हिमाचल प्रदेश के कृषि और बागवानी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति में राज्य सरकार की भूमिका हुई अहम
राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को दी मंजूरी
सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिव प्रताप शुक्ला के बीच तनातनी खत्म
हिमाचल प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और बागवानी विश्वविद्यालय सोलन के कुलपतियों की नियुक्ति में राज्य सरकार की भूमिका बढ़ गई है।
अब इन दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति राज्य सरकार की सलाह पर ही होगी।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है।
इस विधेयक के पारित होने से राज्यपाल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच चल रही तनातनी खत्म हो गई है।
विवेचना :-
हिमाचल प्रदेश कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय अधिनियम 1986 के तहत इन दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल की अध्यक्षता वाली समिति करती थी लेकिन इस समिति में राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं था।
इस व्यवस्था से राज्य सरकार असंतुष्ट थी। इसलिए, सरकार ने पिछले साल अगस्त माह में विधानसभा में एक विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पारित किया था।
इस विधेयक के तहत कुलपतियों की नियुक्ति में राज्य सरकार की भूमिका बढ़ाई गई है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस मामले में सरकार की भूमिका ही सर्वमान्य और अहम रहेगी।
राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी देने से पहले कुछ शर्तें रखीं। इन शर्तों के अनुसार, कुलपतियों की नियुक्ति करने वाली समिति में अब राज्य सरकार का भी एक प्रतिनिधि होगा।
इसके अलावा, कुलपति किसी विषयविद्यालय और बागवानी के पृष्ठ भूमि और कुलपति के स्तर का होना चाहिए।
इस विधायक को माननीय राज्यपाल ने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाते हुए लगभग 6 माह तक अपने पास रोके रखा।
मुख्यमंत्री के जबरदस्त हस्तक्षेप के बाद राज्यपाल ने इस विधेयक को 6 महीने बाद मंजूरी दी है।
इस दौरान, राज्यपाल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच इस विधेयक को लेकर तनातनी चल रही थी। राज्यपाल के मंजूरी देने से यह तनातनी खत्म हो गई है और नियमित कुलपतियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो गया है।