यशस्वी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की दूरगामी सोच की हो रही प्रशंसा, ‘अतिथि देवो भव’ की सांस्कृतिक धरोहर की निंदा करने हेतु विपक्ष पर जनता ने लगाए सवालिया निशान, विपक्ष की बेतुकी आलोचना और संकीर्ण सोच की पूरे देश में हो रही घोर निंदा, मुख्यमंत्री के साथ कुछ नज़दीकी भी मुख्यमंत्री के संदेश को सही रूप में जनता तक पहुंचाने में रहे पूरी तरह नाकाम, मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच की नहीं कर पाए सही व्याख्या जनता के दरबार में
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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच की विपक्षी नेता उड़ा रहे हैं खिल्ली, पूरे भारत में दे रहे अपनी संकीर्ण सोच का परिचय
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की हालिया घोषणा के बाद विपक्षी दलों ने उनकी जमकर खिल्ली उड़ाई है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि अगर कोई बाहरी पर्यटक या अतिथि शराब पीकर होटल नहीं पहुंच पाता है तो उसे पुलिस या अन्य अधिकारियों द्वारा होटल तक पहुंचाने में मदद की जाए ताकि उनके साथ कोई अपनी घटना ना घटे तथा उनके जान-माल को कोई हानि न पहुंचे।
विपक्षी दलों का कहना है कि मुख्यमंत्री की यह घोषणा शराब पीकर हुड़दंग करने वालों को प्रोत्साहित करने वाली है। इस घिनौने आरोप के लिए प्रदेश की जनता ने विपक्ष की जम कर निंदा करते हुए मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच का हार्दिक स्वागत किया है जिसमें अतिथियों को “अतिथि देवो भव” की संज्ञा देकर उनका सम्मान किया गया है। प्रदेश के लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु अपना तन मन धन न्योछावर करके दिन-रात प्रदेश वासियों की सेवा में लगे हैं तथा प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन सच्चाई तो यह है कि विपक्ष को मुख्यमंत्री सुक्खु की कामयाबी रास नहीं आ रही है तथा विपक्षी नेता किसी न किसी बहाने हमेशा उन्हें घेर कर प्रदेश की प्रगति में रोड़ा अटकाने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह मात्र उनकी संकीर्ण सोच का परिणाम है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
वैसे मुख्यमंत्री के कुछ करीबी भी मुख्यमंत्री के इस बयान को जनता के दरबार में स्पष्ट करके उसे लोगों तक सही ढंग से रखने में नाकामयाब रहे वरन यह तूफ़ान उठने से पहले ही थम जाता।
लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री पर सवालिया निशान लगाते हुए विपक्षी नेताओं ने यह भी नहीं सोचा कि इससे प्रदेश और प्रदेशवासियों की पूरे भारतवर्ष में बदनामी हो रही है और विपक्ष की नियत पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। सभी जानते हैं कि भाजपा नेताओं को ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के सिर पर सजा मुख्यमंत्री का ताज उन्हें रास नहीं आ रहा है। उनके दिन का चैन और रातों की नींद हराम हो चुकी है। ऐसी स्थिति में विपक्षी नेता ऊल-जलूल बयान बाजी करके अपना दिल बहला रहे हैं, टाइम पास कर रहे हैं, ऐसा जनता का मानना है।
हालांकि, मुख्यमंत्री की घोषणा का वास्तविक अर्थ इससे कहीं अधिक गहरा है।
मुख्यमंत्री का उद्देश्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना है। हिमाचल प्रदेश एक खूबसूरत राज्य है और यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। इन पर्यटकों में से कई शराब पीकर आते हैं और मौज मस्ती करके अपनी छुट्टियों का परिवार सहित आनंद लेते हैं उन्हें नाहक ही परेशान न किया जाए, उन्हें सम्मानपूर्वक शांति से समय बिताने की छूट हो। लेकिन मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इन पर्यटकों को शराब पीकर हुड़दंग करने के लिए कतई प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे प्रदेश की छवि खराब होगी और पर्यटन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हमें उनके सम्मान की रक्षा करके उन्हें सुकून देना है। हमारे प्रदेश में अति सम्मानित लोग छुट्टियों का आनंद उठाने के लिए आते हैं। वह कभी ऐसा कार्य नहीं करते जिससे उनकी और प्रदेश की प्रतिष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लगे। तो ऐसे में विपक्ष की बेवजह व्यंग्यात्मक आलोचना कोई मायने नहीं रखती।
मुख्यमंत्री की घोषणा का उद्देश्य पर्यटकों को किसी भी तरह से परेशान न करना है। अगर कोई पर्यटक शराब पीकर होटल नहीं पहुंच पाता है तो उसे पुलिस या अन्य अधिकारियों द्वारा होटल तक पहुंचाने में मदद की जाएगी। इससे पर्यटकों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा और वे प्रदेश के प्रति आकर्षित रहेंगे।
विपक्षी दलों की खिल्ली उड़ाने वाली टिप्पणियों से साफ है कि वे मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच को समझ नहीं पा रहे हैं। मुख्यमंत्री का उद्देश्य प्रदेश को एक विकसित राज्य बनाना है और पर्यटन इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
क्या कहती है हिमाचल प्रदेश की जनता :
हिमाचल प्रदेश की जनता भी मुख्यमंत्री की घोषणा का समर्थन कर रही है। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री की यह घोषणा प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए फायदेमंद होगी। इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और प्रदेश को लाभ होगा।
लोगों का यह भी मानना है कि हिमाचल प्रदेश में छोटे से मजदूर से लेकर बड़े-बड़े पूंजी पतियों तक सभी पर्यटन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं तथा यही एक व्यवसाय है जो प्रदेश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकता है। इसलिए मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच का सबको सम्मान करना चाहिए न कि ऊलजलूल हरकतों से प्रदेश और प्रदेशकासियों के हितों से खिलवाड़ करना चाहिए।
लोगों का यह भी कहना है कि विपक्षी दलों की आलोचना निराधार है। विपक्षी दलों को प्रदेश के हित के बारे में सोचना चाहिए और मुख्यमंत्री की घोषणा का समर्थन करना चाहिए ताकि प्रदेश तरक्की कज राह पर अग्रसर हो।